गूगल प्ले स्टोर में मिलेगा नया सेफ्टी सेक्शन, दिखेगा कितना डाटा जुटाती हैं ऐप्स
ऐपल ने पिछले साल अपने यूजर्स को दिखाना शुरू किया है कि ऐप्स उनका कौन सा डाटा जुटाती हैं और जल्द गूगल भी ऐसा करने वाली है। सर्च इंजन कंपनी गूगल ने कहा है कि इसके प्ले मोबाइल-ऐप स्टोर में एक नया सेफ्टी सेक्शन तैयार किया जाएगा। इस सेक्शन में एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स देख सकेंगे कि ऐप डिवेलपर्स उनका कितना डाटा जुटाते हैं। प्ले स्टोर का नया सेक्शन यूजर्स को अडिशनल प्राइवेसी और सिक्योरिटी इन्फॉर्मेशन भी देगा।
2022 की पहली तिमाही में दिखेगा सेफ्टी सेक्शन
अल्फाबेट इंक. ने गुरुवार को एक ब्लॉग पोस्ट में नए बदलाव की जानकारी दी और कहा कि एंड्रॉयड ऐप डिवेलपर्स के पास 2022 की दूसरी तिमाही तक का वक्त यह जानकारी बताने के लिए मिलेगा। यूजर्स को गूगल प्ले स्टोर पर नया सेफ्टी सेक्शन 2022 के पहले तीन महीनों में दिखना शुरू हो जाएगा। गूगल ने बताया है कि इस बदलाव का मकसद यूजर्स की यह समझने में मदद करना है कि उनका डाटा सुरक्षित है।
ऐप स्टोर में यूजर्स को मिलती है जानकारी
कैलिफोर्निया की टेक कंपनी ऐपल ने प्राइवेसी पर फोकस करते हुए 2020 में ऐप-मेकर्स से यूजर्स को यह जानकारी देने को कहा कि वे कितना डाटा जुटाते हैं और उसे कैसे इस्तेमाल करते हैं। वहीं, ऐपल के लेटेस्ट 14.5 अपडेट के साथ यूजर्स को ऐप ट्रैकिंग ट्रांसपैरेंसी फीचर दिया गया है। इस फीचर के साथ यूजर्स खुद तय कर सकते हैं कि कोई ऐप उन्हें ट्रैक कर पाएगी या फिर नहीं और बिना परमिशन लिए ऐप्स ट्रैकिंग नहीं कर सकतीं।
ऐप डिवेलपर्स को बदलावों से परेशानी
ऐपल की ओर से किए गए बदलावों को लेकर कई ऐप डिवेलपर्स ने नाखुशी जताई और कहा कि इस तरह का फीचर आने के बाद उनकी कमाई पर असर पड़ेगा। दरअसल, ज्यादातर यूजर्स ऐप्स को ट्रैकिंग की परमिशन नहीं देंगे और उन्हें पर्सनलाइज्ड और टारगेटेड ऐड्स नहीं दिखाए जा सकेंगे। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने भी ऐपल के इस फैसले पर नाराजगी जताई थी और यूजर्स से ट्रैकिंग परमिशन देने को कह रही है।
ऐपल के मुकाबले नरम रुख अपनाएगी गूगल
गूगल का अपना रेवन्यू भी ऐड रेवन्यू पर आधारित है इसलिए कंपनी नरम रुख डिवेलपर्स के लिए अपनाएगी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल चर्चा कर रही है कि एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम में डाटा कलेक्शन और क्रॉस-ऐप टैकिंग पर कैसे लगाम लगाई जा सकती है। हालांकि, इस प्रक्रिया में ऐप के काम करने के तरीके पर असर ना पड़े, इसका ख्याल सर्च इंजन कंपनी रखेगी। सेफ्टी सेक्शन यूजर्स को यह भी बताएगा कि ऐप डाटा एनक्रिप्ट करती है या नहीं।