पेड ब्लू टिक से रहेगा फर्जी वेरिफाइड अकाउंट बढ़ने का खतरा, विशेषज्ञों ने जताई चिंता
क्या है खबर?
एलन मस्क के नेतृत्व में ट्विटर ने अपनी नीति के तहत लेगेसी ब्लू टिक हटा दिया है। इससे राजनेताओं, फिल्म स्टार, क्रिकेटर, पत्रकार और कंपनियों के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हट गया।
अब यूजर्स को ब्लू टिक और कंपनियों को गोल्डन मार्क के लिए चार्ज देना होगा।
इससे ट्विटर को तो कमाई होगी, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे साइबर अपराध और फर्जी अकाउंट्स के जरिए होने वाली गैरकानूनी और आपराधिक गतिविधियां भी बढ़ सकती हैं।
एक्सपर्ट्स
विश्वसनीयता की पहचान था ब्लू टिक
एक्सपर्ट्स ने कहा कि ब्लू टिक विश्वसनीयता की पहचान बन गया था। अब लोग बिना टिक वाले असली और नकली अकाउंट में अंतर नहीं पता कर पर पाएंगे और किसी फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं।
कई बड़ी हस्तियों ने भी ब्लू टिक को सब्सक्रिप्शन आधारित सर्विस बनाए जाने के ट्विटर के फैसले का नैतिक आधार पर विरोध किया है और ब्लू टिक के लिए कभी पैसा न देने का फैसला लिया है।
फेक
बिना ब्लू टिक वाले असली और नकली अकाउंट में अंतर पता करना मुश्किल
एक्सपर्ट्स ने यह भी चिंता जाहिर की है कि जब ब्लू टिक को पैसे से खरीदना संभव है तो फिर कोई साइबर आपराधी किसी कंपनी, व्यक्ति, संस्था के मिलते-जुलते नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर उसे वेरिफाई करा सकता है।
उदाहरण के लिए HDFC बैंक, एक्सिस बैंक, ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज आदि वेरिफाइड नहीं रह गए हैं। अब इस नाम से मिलता-जुलते नाम का अकाउंट बनाकर कोई भी फ्रॉड कर सकता है।
धोखाधड़ी
साइबर धोखाधड़ी का शिकार बन सकते हैं लोग- पवन दुग्गल
साइबर कानून एक्सपर्ट पवन दुग्गल का कहना है कि यह बदलाव भारत की आबादी की एक बड़ी संख्या को संभावित साइबर अपराध का शिकार बना सकता है।
उन्होंने कहा कि यह कंज्यूमर प्रोटेक्शन का एक बड़ा मुद्दा है। उपभोक्ताओ को अब निहित स्वार्थों और वित्तीय धोखाधड़ी का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा कि उपभोक्ताओं के दिमाग में सैट है कि ब्लू टिक वाले अकाउंट्स से जो भी जानकारी आती है, वह सच होती है।
विश्वसनीय
ब्लू टिक खरीद कर भी लोग कर सकते हैं फर्जीवाड़ा
दुग्गल ने इस बात पर चिंता जताई कि ब्लू टिक वाले अकाउंट विश्वासनीय माने जाते थे। अब जब पैसा देकर ब्लू टिक मिल रहा है तो कोई फर्जी इंसान ब्लू टिक खरीद कर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर सकता है।
उन्होंने कहा कि ब्लू टिक अकाउंट के जरिए सामाजिक और सांप्रदायिक अशांति पैदा की जा सकती है क्योंकि, ब्लू टिक अकाउंट से लिखी गई बातों को लोग विश्वसनीय मानते रहे हैं।
इससे ट्विटर के खिलाफ भी मुकदमे बढ़ सकते हैं।