NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / टेक्नोलॉजी की खबरें / वनवेब सितंबर से भारत में शुरू कर सकती है सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस, मिली ये मंजूरियां
    अगली खबर
    वनवेब सितंबर से भारत में शुरू कर सकती है सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस, मिली ये मंजूरियां
    वनवेब को 2 सैटेलाइट स्थापित करने की अनुमति मिली है (तस्वीर: वनवेब)

    वनवेब सितंबर से भारत में शुरू कर सकती है सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस, मिली ये मंजूरियां

    लेखन रजनीश
    Jun 13, 2023
    04:52 pm

    क्या है खबर?

    भारती ग्रुप के समर्थन वाली वनवेब सितंबर से भारत में सैटेलाइट आधारित ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस शुरू करने को तैयार है।

    कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें दूरसंचार विभाग (DoT) से 2 सैटेलाइट गेटवे स्थापित करने की अनुमति मिली है। इनमें से एक मेहसाणा (गुजरात) और दूसरा चेन्नई के पास स्थापित किया जाएगा।

    इससे पहले एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ने भारत में बिना अप्रूवल के सैटेलाइट इंटरनेट के लिए प्री-बुकिंग शुरू कर दिया था, जिसे बंद करना पड़ा।

    वनवेब

    वनवेब को स्पेक्ट्रम का इंतजार

    इकोनॉमिक टाइम्स ने कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि वनवेब को इस साल के अंत तक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस लॉन्च करने के लिए भारत में 2 गेटवे अर्थ स्टेशनों सहित सैटेलाइट ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर तैनात करने के लिए DoT से सभी सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है।

    अधिकारी ने कहा कि जैसे ही का/कू बैंड में प्रशासन की तरफ से स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाता है, वैसे ही वनवेब सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस भारत में लाइव हो सकती हैं।

    स्पेक्ट्रम

    इस बात पर निर्भर करेगी मिशन की सफलता

    सैटकॉम के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन का तरीका सर्विस की शुरुआत के लिए महत्वपूर्ण है। वनवेब सहित अंतरराष्ट्रीय सैटकॉम कंपनियां स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए प्रशासनिक तरीके के समर्थन में हैं। वहीं दूरसंचार ऑपरेटर रिलायंस जियो, वोडाफोन-आइडिया स्पेक्ट्रम की नीलामी चाहते हैं।

    टेलीकॉम रेगुलेटर को दी जानकारी में वनवेब ने कहा कि भारत में उसके मिशन की सफलता सैटेलाइट यूजर एक्सेस टर्मिनल्स (UATs) और गेटवे के लिए पूरे कू और का बैंड के हस्तक्षेप मुक्त उपयोग पर निर्भर करती है।

    सैटेलाइट

    वनवेब का जेन-1 सैटेलाइट शुरुआती एक्सेस प्रदान करने में है सक्षम

    UAT अंतिम यूजर को हाई-स्पीड सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस देने वाले सैटेलाइट गियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। दूसरी तरफ कू/का बैंड सैटेलाइट संचार के लिए उपयोग किए जाते हैं।

    वनवेब ने कहा कि इसका जेन-1 सैटेलाइट डिजाइन पूरे कू और का बैंड तक शुरुआती एक्सेस प्रदान करता है। इसके अलावा जब लगभग 5 सालों में जेन-2 सैटेलाइट सिस्टम आ जाएंगे, तब इसके गेटवे लिंक के लिए फुल Q/V बैंड आवश्यक होगा।

    जानकारी

    कू/का बैंड क्या है?

    कू/का बैंड का संबंध फ्रीक्वेंसी से है। कू बैंड 12 गीगाहर्ट्ज से 18 गीगाहर्ट्ज तक की फ्रीक्वेंसी और का-बैंड 26.5 गीगाहर्ट्ज से 40 गीगाहर्ट्ज तक की फ्रीक्वेंसी को दिखाता है। का-बैंड सिस्टम पर फ्रीक्वेंसी बढ़ाने से अधिक बैंडविड्थ प्राप्त हो सकती है।

    इंटरनेट

    वनवेब के पास है जरूरी GMPCS परमिट

    वनवेब के पास GMPCS (ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्यूनिकेशन बाय सैटेलाइट सर्विस) परमिट है, जो भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस रोल आउट करने के लिए जरूरी है।

    इसका उद्देश्य उन क्षेत्रों में लो-लेटेंसी और हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंचाना है, जहां अभी तक लोगों के पास पारंपरिक वायर्ड/केबल इंटरनेट नहीं पहुंचा है।

    इसे जल्द ही स्पेस सर्विस रेगुलेटर इन-स्पेस से लैंडिंग अधिकार और बाजार का एक्सेस सहित जरूरी अधिकार मिलने की उम्मीद है।

    स्पीड

    कोने-कोने में मिलेगी इंटरनेट सर्विस

    फाइबर केबल इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क कई वजहों के चलते आज भी कोने-कोने में उपलब्ध नहीं है। इन समस्याओं का हल सैटेलाइट इंटरनेट है।

    सैटेलाइट इंटरनेट में कंपनियां लो-अर्थ ऑर्बिट में मौजूद सैटेलाइट्स के जरिए सीधे इंटरनेट देती हैं। इससे सुदूर जंगली, पहाड़ी और समुद्री इलाकों में भी अच्छी स्पीड वाली सैटेलाइट इंटरनेट की सुविधा मिल सकती है।

    सैटेलाइट इंटरनेट हाई-बैंडविड्थ कवरेज देता है, क्योंकि इसमें मिलीमीटर वेव्स का इस्तेमाल होता है।

    सेटअप

    लगाना होता है छोटा-सा सेटअप

    सैटेलाइट इंटरनेट के लिए डिश टीवी की तरह छत पर एक छोटा सेटअप या एंटीना लगाना होता है, जिससे इंटरनेट मिलता है।

    सैटेलाइट इंटरनेट के जरिए चलती कार, ट्रेन, हवाई जहाज आदि में भी बेहतरीन इंटरनेट पा सकते हैं।

    मस्क की स्टारलिंक ने सैटेलाइट इंटरनेट प्रदान करने के लिए अब तक लगभग 4,500 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट को अंतरिक्ष में तैनात किया है और इसके जरिए लगभग 40 देशों में सैटेलाइट इंटरनेट की सर्विस देती है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    वनवेब
    सैटेलाइट इंटरनेट

    ताज़ा खबरें

    जीमेल में अब स्मार्ट रिप्लाई होंगे और भी बेहतर, गूगल ने जोड़ा नया AI फीचर जीमेल
    I/O 2025: गूगल ने जेमिनी में जोड़ा AI असिस्टेंट, अब लाइव पहचान कर सुधारेगा गलतियां गूगल
    IPL 2025: वैभव सूर्यवंशी ने लगाया अर्धशतक, बने हमारे 'प्लेयर ऑफ द डे' वैभव सूर्यवंशी
    IPL 2025: RR ने CSK को दी शिकस्त, देखिए मैच के शानदार मोमेंट्स IPL 2025

    वनवेब

    स्पेस-X ने लॉन्च किए 53 स्टारलिंक सैटेलाइट, फाल्कन 9 रॉकेट ने कक्ष में पहुंचाया स्पेस-X
    ISRO के साथ मिलकर वनवेब एक साथ 36 सैटेलाइटों को करेगी लॉन्च ISRO
    ISRO के साथ मिलकर वनवेब कल लॉन्च करेगी 36 सैटेलाइट, उलटी गिनती शुरू ISRO
    ISRO ने 36 सैटेलाइटों को किया लॉन्च, जानिए क्यों खास है यह मिशन ISRO

    सैटेलाइट इंटरनेट

    रिलायंस जियो भारत में देगी सैटेलाइट आधारित ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं, SES के साथ की साझेदारी एलन मस्क
    ऐपल आईफोन 14 में मिलेगा सैटेलाइट कनेक्टिविटी का सपोर्ट, लीक्स में संकेत आईफोन
    स्पेस-X की स्टारलिंक सेवा अब 32 देशों में उपलब्ध, भारत में जल्द होगी लॉन्च स्पेस-X
    क्या अगले आईफोन में सैटेलाइट कनेक्टिविटी देगी ऐपल? आईफोन
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025