NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / टेक्नोलॉजी की खबरें / मंगल ग्रह अतीत में रहने योग्य रहा होगा, वैज्ञानिकों ने इस तरह से किया विश्लेषण
    अगली खबर
    मंगल ग्रह अतीत में रहने योग्य रहा होगा, वैज्ञानिकों ने इस तरह से किया विश्लेषण
    नासा के क्यूरियोसिटी रोवर के अवलोकन से मंगल ग्रह पर पानी की उपस्थिति का पता चलता है (तस्वीर: नासा)

    मंगल ग्रह अतीत में रहने योग्य रहा होगा, वैज्ञानिकों ने इस तरह से किया विश्लेषण

    लेखन रजनीश
    Aug 10, 2023
    11:04 pm

    क्या है खबर?

    खगोल वैज्ञानिक ग्रहों से जुड़ी नई-नई जानकारी खोजते रहते हैं।

    अब एक नई जानकारी के मुताबिक, वैज्ञानिकों का मानना है कि मंगल ग्रह पर पहले शुष्क और आर्द्र (नमी) चक्र के मौसम रहे होंगे।

    इस आधार पर उनका मानना है कि अतीत में किसी समय यह ग्रह रहने योग्य रहा होगा।

    नासा के क्यूरियोसिटी रोवर द्वारा देखे गए प्रारंभिक मंगल ग्रह की सतह पर मिट्टी की दरार के पैटर्न के विश्लेषण से वैज्ञानिकों ने जानकारी हासिल की है।

    विश्लेषण

    मिट्टी की दरारों से पता चलता है पानी के इतिहास का पता 

    वैज्ञानिकों को विश्लेषण से मंगल ग्रह पर पानी की अनियमित या एपिसोडिक उपस्थिति का पता चलता है। इसका अर्थ है कि पानी कुछ समय के लिए मौजूद रहा होगा और फिर वाष्पित हो गया।

    फ्रांस, अमेरिका और कनाडा के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में कहा कि मिट्टी में दरारें बनने तक यह प्रक्रिया दोहराई गई होगी।

    वैज्ञानिकों को इन परिपक्व मिट्टी की दरारों के रोमांचक अवलोकन से मंगल ग्रह पर पानी के लुप्त इतिहास का पता चलता है।

    क्यूरियोसिटी

    गीला और सूखा चक्र के कारण Y आकार की हो जाती हैं दरारें

    क्यूरियोसिटी रोवर पर लगे केमकैम उपकरण की प्रमुख इंवेस्टिगेटर नीना लान्जा ने कहा, "ये मिट्टी की दरारें हमें उस दौर या समय में ले जाती हैं जब यहां तरल पानी कम प्रचुर मात्रा में था, लेकिन मंगल ग्रह की सतह पर मौजूद था।"

    पृथ्वी पर मिट्टी की दरारें शुरू में टी-आकार ग्रहण करने के लिए जानी जाती हैं।

    हालांकि, बाद में गीला और सूखा के चक्र के कारण ये दरारें Y आकार की हो सकती हैं।

    अध्ययन

    कुछ सेंटीमीटर गहरी दरारों से पता चलती है यह जानकारी

    नेजर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कहा कि मंगल ग्रह की सतह पर कीचड़ के Y आकार की दरारों का मतलब यह हो सकता है कि इस लाल ग्रह पर भी गीला और सूखे का चक्र देखा गया हो।

    ये दराें केवल कुछ सेंटीमीटर गहरी थीं, जिससे पता चलता है कि ये गूला-सूखा चक्र मौसमी हो सकता था या फिर अचानक बाढ़ आ जाने जैसा अधिक तेजी से बदलने वाला चक्र रहा होगा।

    रिपोर्ट

    जीवन के लिए आवश्यक है गीला-सूखा चक्र

    रिपोर्ट में बताया गया कि यह निष्कर्ष इस संभावना की तरफ इशारा करता है कि मंगल पर कभी पृथ्वी जैसी नम जलवायु रही होगी और यह लाल ग्रह उस समय रहने के अनुकूल रहा होगा।

    रिसर्च पेपर के सह लेखक पैट्रिक गैस्डा ने कहा कि यदि सही कार्बनिक अणु मौजूद हों तो गीला-सूखा चक्र जीवन के लिए आवश्यक पॉलिमरिक अणुओं के निर्माण के लिए सही जगह होता है। ऐसी जगह प्रोटीन और RNA के लिए भी सही होती हैं।

    जानकारी

    विश्लेषण रहने योग्य ग्रह के रूप में पेश करते हैं मंगल की तस्वीर

    लान्जा ने कहा कि विश्लेषण की विशेषताएं गीले-वातावरण के अस्तिव का संकेत देती हैं जो पृथ्वी पर कार्बनिक अणुओं और संभावित जीवन के विकास के लिए बेहद अनुकूल हैं। उनके मुताबिक, ये परिणाम रहने योग्य ग्रह के रूप में मंगल की स्पष्ट तस्वीर देते हैं।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    मंगल ग्रह
    नासा

    ताज़ा खबरें

    बचत करने का '3 का नियम' क्या है, इसे अपने जीवन में कैसे अपनाएं? पर्सनल फाइनेंस
    विश्व बैंक ने मानक बदला, 10 साल में गरीबी दर 27.1 से 5.3 प्रतिशत हुई विश्व बैंक
    कंगना रनौत पर क्यों भड़क गईं कुनिका सदानंद? बोलीं- जब देखो, तब बकवास करती है कंगना रनौत
    यूरोपीय टी-20 प्रीमियर लीग साल 2026 तक के लिए स्थगित, जानिए क्या रहा कारण इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल

    मंगल ग्रह

    NASA और SpaceX ने पूरी की मानवयुक्त मिशन लॉन्च करने की तैयारी, यहां जाने सबकुछ रूस समाचार
    मंगल ग्रह पर पहली बार हेलीकॉप्टर उड़ाने वाली है NASA, यह है पूरा मिशन टेक्नोलॉजी
    मंगल ग्रह की सतह पर उतरा NASA का पर्सिवियरेंस रोवर, भेजी पहली तस्वीर टेक्नोलॉजी
    आखिर मंगल ग्रह वैज्ञानिकों को इतना क्यों लुभाता है? अमेरिका

    नासा

    अंतरिक्ष में नहीं रहेगी पानी की समस्या, एस्ट्रोनॉट्स के अधिकतर पेशाब-पसीने को रिसाइकिल कर रही नासा  अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन
    नासा बना कर रही ChatGPT जैसा असिस्टेंट, अंतरिक्ष यात्रियों को मदद मिलेगी ChatGPT
    चांद पर खनन की तैयारी में नासा, अंतरिक्ष के व्यावसायिक इस्तेमाल पर है जोर अंतरिक्ष अभियान
    पर्सिवरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर बनाया नया रिकॉर्ड, बना रहा है दोगुना ऑक्सीजन मंगल ग्रह
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025