आदित्य-L1 कक्षा में हुआ स्थापित, अंतरिक्ष में एक कदम और आगे बढ़ा ISRO
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज (6 जनवरी) एक और बड़ा इतिहास रच दिया है।
सूर्य का अध्ययन करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यान आदित्य-L1 को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित सूर्य के L1 कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है।
बता दें कि आदित्य-L1 मिशन को पिछले साल 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च व्हीकल PSLV-C57 से लॉन्च किया गया था।
पेलोड
अंतरिक्ष यान के साथ भेजे गए हैं ये पेलोड
आदित्य-L1 के साथ 7 पेलोड भेजे गए हैं, जिसमें 4 पेलोड रिमोट सोलर सेंसिंग यानी सूर्य को मॉनिटर करने का काम करेंगे और 3 पेलोड इन-सीटू प्रयोग के लिए हैं।
इन पेलोड से भेजे गए डाटा के जरिए सूर्य के रहस्यों को समझने, रियल टाइम में सौर गतिविधियों पर नजर रखने में भी मदद मिलेगी।
इसके साथ ही इससे कोरोनल हीटिंग, सूर्य के सतह पर होने वाले विस्फोटों और सोलर विंड के बारे में भी कई नई जानकारियां मिलेंगी।
उद्देश्य
आदित्य-L1 मिशन का उद्देश्य
ISRO के आदित्य-L1 मिशन का लक्ष्य कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन (CME) और अंतरिक्ष मौसम की गतिशीलता जैसे मुद्दों को समझना है।
आदित्य-L1 मिशन के उद्देश्यों में प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की बाहरी परतों (कोरोना) का अध्ययन शामिल है।
अपने जीवन के दौरान यह अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं के बारे में हमारे समझ को बढ़ाने में मदद करता रहेगा।
इस मिशन का बजट 1,000 करोड़ रुपये है और इसका कार्यकाल कम से कम 5 साल है।