IMD मौसम का सटीकता से पूर्वानुमान लगाने के लिए नई तकनीक का करेगा इस्तेमाल
क्या है खबर?
भारत मौसम विभाग (IMD) मौसम के पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार के लिए पारंपरिक उपग्रहों के अलावा क्यूबसैट, क्राउडसोर्सिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) डिवाइसों के उपयोग की योजना बना रहा है।
IMD ने अंतरिक्ष की कक्षा में एक समर्पित मौसम संबंधी उपग्रह भी भेजा है और पिछले साल एक नई उच्च शक्ति कंप्यूटिंग प्रणाली (HPCS) स्थापित की है।
इससे एजेंसी को मौसम का पूर्वानुमान को अधिक सटीकता से जारी करने में सहायक है।
सुधार
पूर्व अधिकारी ने कही यह बात
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन ने एक लेख में कहा, "IMD जल्द ही 6 किलोमीटर के क्षैतिज रिजॉल्यूशन के साथ एक समेकित भविष्यवाणी प्रणाली की ओर कदम बढ़ाएगा, जो कि 12 किलोमीटर के वर्तमान रिजॉल्यूशन से बेहतर है।"
उन्होंने कहा, "क्राउडसोर्सिंग, क्यूबसैट, IoT डिवाइस और मानव रहित प्लेटफार्मों जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल करने वाले अवलोकन नेटवर्क में सुधार से डाटा गुणवत्ता और पूर्वानुमान दक्षता में काफी सुधार होगा।"
जरूरत
क्यों जरूरी हो गया बदलाव?
राजीवन ने कहा कि IMD मानसून की गतिशीलता और बादल भौतिकी की समझ को बेहतर करने के लिए भोपाल और मुंबई में अलग अनुसंधान परीक्षण केंद्र भी स्थापित कर रहा है।
उन्होंने कहा, "जैसे-जैसे यूजर्स की अपेक्षाएं बढ़ती जा रही हैं, IMD को लगातार नवाचार करना चाहिए।"
वर्तमान में IMD के पास मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए मौसम के गुब्बारों, उपग्रहों, रडार के नेटवर्क से डाटा के अलावा 6,000 से अधिक सतह वेधशालाएं मौजूद हैं।