
सिम के लिए मिलेगी आधार जैसी ID, बढ़ेगी साइबर सुरक्षा
क्या है खबर?
मोबाइल यूजर्स को साइबर फ्रॉड से बचाने और सरकारी आर्थिक फायदों का अधिकतम इस्तेमाल करने के लिए दूरसंचार विभाग एक नई पहल की तैयारी में है।
इसके तहत मोबाइल यूजर्स को एक यूनिक ग्राहक ID आवंटित की जाएगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल ग्राहक ID सिस्टम एक ही ID के तहत सिम कार्ड की ट्रैकिंग को सरल बनाएगा और उन स्थानों को भी रिकॉर्ड करेगा, जहां से यूजर्स ने अपना सिम कार्ड हासिल किया है।
सिस्टम
सिम कार्ड यूजर्स की पहचान होगी आसान
यह सिस्टम अन्य कार्यों के अलावा उन व्यक्तियों के पहचान की भी सुविधा प्रदान करेगा, जिनके पास सिम कार्ड हैं।
यूनिक ग्राहक ID फोन कनेक्शन से संबंधित सभी पहलुओं के लिए एक व्यापक पहचान के रूप में काम करेगी। यह काफी हद तक 14 अंक वाले आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ अकाउंट (ABHA) हेल्थ ID की तरह है, जो कि आधार कार्ड से जुड़ा हुआ है।
ABHA डॉक्टरों और बीमाकर्ताओं को महत्वपूर्ण चिकित्सा जानकारी तक तत्काल पहुंच प्रदान करता है।
सिम
9 से अधिक सिम रखने वालों का पता लगाने में मिलेगी मदद
नई ग्राहक ID ग्राहकों को 9 सिम कार्ड से अधिक सिम जारी करने के खिलाफ एक टूल के रूप में भी काम करेगी।
वर्तमान में 9 से अधिक सिम रखने वालों की पहचान तभी हो पाती है, जब दूरसंचार विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके ऑडिट करता है।
बीते 6 महीनों में दूरसंचार विभाग ने फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी की मदद से धोखाधड़ी से जुड़े 64 लाख से अधिक फोन कनेक्शन काटे हैं।
यूजर्स
कनेक्शन के लिए आवेदन करने पर जारी की जाएगी ग्राहक ID
सिम कार्ड के वास्तविक यूजर्स की पुष्टि के लिए सरकार विचार कर रही है कि ग्राहक सिम प्राप्त करते समय यह घोषित करें कि परिवार में उस सिम को कौन इस्तेमाल करेगा।
सरकारी अधिकारियों ने इस पर जोर दिया कि दूरसंचार विभाग धोखाधड़ी वाले कनेक्शन जारी करने को रोकने के लिए सक्रिय रूप से रणनीतियां तलाश रहा है।
कनेक्शन के लिए आवेदन करने पर जारी की जाने वाली ग्राहक ID के जरिए कनेक्शन की निगरानी करना भी इसका उद्देश्य है।
पहल
यूजर्स के उम्र, लिंग, आय और रोजगार आदि को वर्गीकृत करने की योजना
इस नई पहल के तहत ग्राहक ID को यूजर्स के उम्र, लिंग, वैवाहिक स्थिति, आय, शिक्षा और रोजगार सहित विभिन्न चीजों के आधार पर वर्गीकृत करना भी शामिल है।
प्रत्येक ग्राहक ID से जुड़े सिम कार्ड के इस्तेमाल पैटर्न का विश्लेषण किया जाएगा।
इससे सरकार किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता चलने पर यूनिक ID और उससे संबंधित अन्य सिम कार्ड को ब्लॉक करने से जुड़े निर्देश जारी कर सकेगी।
सहमति
नाबालिक और वयस्क उपभोक्ताओं के बीच अंतर करना है बड़ी चुनौती
हाल के दिनों में दूरसंचार कंपनियों ने डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन (DPDP) अधिनियम के अनुसार बच्चों के डाटा को प्रोसेस करने के लिए सत्यापन योग्य माता-पिता की सहमति प्राप्त करने की चुनौतियों के बारे में चिंता जताई थी।
उनके सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में से एक है अपने नेटवर्क पर नाबालिग और वयस्क उपभोक्ताओं के बीच अंतर करना।
इसके साथ ही माता-पिता से सहमति प्राप्त करने के लिए एक रूपरेखा स्थापित करना है।
जानकारी
1 दिसंबर से प्रभावी होगा यह नया नियम
सरकार ने हाल ही में नए नियम पेश किए हैं, जिनके तहत दूरसंचार कंपनियों को सिम कार्ड विक्रेताओं को रजिस्टर्ड करने और उन्हें सिस्टम में शामिल करने से पहले पूरी तरह से KYC जांचने की जरूरत होगी। ये नियम 1 दिसंबर से प्रभावी हो जाएंगे।