ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले इन तरीकों से करते हैं पैसों की चोरी
भारत सरकार की साइबर सिक्योरिटी नोडल एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT) साइबर जागरूकता दिवस मना रही है। इसका उद्देश्य देश भर में इंटरनेट यूजर्स को साइबर धोखाधड़ी से बचाने के साथ ही लोगों में साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। लोगों के साथ कई तरह के साइबर फ्रॉड होते हैं, लेकिन सरकार की तरफ कुछ प्रमुख फ्रॉड के तरीकों को रेखांकित किया गया है, जिनसे देश भर में लोगों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
बैंक डिटल अपडेट के नाम पर फ्रॉड
बैंक डिटेल अपडेट कराने के नाम पर काफी लोगों के साथ धोखाधड़ी की जाती है। इस तरीके से फ्रॉड करने के लिए अपराधी यूजर्स को एक खास प्लेटफॉर्म पर बैंक से जुड़ी जानकारी अपडेट करने के लिए कहते हैं। यहां यूजर्स से बैंक खाते को अपडेट करने के नाम पर उनका आधार और पैन सहित अन्य जानकारी मांगी जाती है। ऐसे में ग्राहकों को याद रखना चाहिए कोई भी बैंक या बैंक कर्मचारी कभी भी आपकी निजी जानकारी नहीं मांगते।
अपडेट के लिए लिंक पर क्लिक करें
अपडेट के बहाने लिंक पर क्लिक कराकर भी लोगों के साथ फ्रॉड किया जाता है। इसमें अपराधी व्हाट्सऐप या मैसेज पर लिंक शेयर करते हैं। इसमें यूजर्स से उनके बैंक खाते की जानकारी अपडेट करने के लिए शेयर की गई लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है। फ्रॉड करने वाले खाताधारकों को यह भी चेतावनी देते हैं कि यदि वे अपनी जानकारी अपडेट नहीं करते तो उनका अकाउंट बंद और डेबिट कार्ड आदि ब्लॉक किया जा सकता है।
KYC अपडेट के नाम पर फ्रॉड
KYC अपडेट के नाम पर फ्रॉड के कई मामले सामने आते रहते हैं। इस बारे में एयरटेल, वोडाफोन और जियो सहित सभी दूरसंचार कंपनियां अपने यूजर्स को चेतावनी देती रहती हैं। इस तरह के फ्रॉड में अपराधी KYC अपडेट करने के लिए मोबाइल यूजर्स से उनकी निजी जानकारी शेयर करने के लिए कहते हैं। इसमें भी अपराधी लोगों को यह कहकर डराते हैं कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो उनका मोबाइल नंबर या बैंक अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाएगा।
जल्द खत्म होने वाला फ्री गिफ्ट ऑफर
जल्द खत्म होने वाले फ्री गिफ्ट ऑफर के जरिए काफी लोग ठगे गए हैं। ऐसे ऑनलाइन फ्रॉड में यूजर्स को यह कहकर लालच दिया जाता है कि अगर उन्होंने ऑफर की शर्तों को जल्दी से पूरा नहीं किया तो फ्री गिफ्ट से चूक जाएंगे।
ATM या डेबिट कार्ड ब्लॉक करने की धमकी
फ्रॉड करने वालों ने ATM या डेबिट कार्ड ब्लॉक किए जाने की धमकी या डर दिखाकर काफी लोगों को ठगा है। इसमें लोगों को फोन कर उनसे कार्ड के नंबर, उसकी वैलिडिटी या एक्सपायर होने की तारीख, CVV नंबर, फोन नंबर, जन्म तिथि और पैन नंबर आदि जानकारी मांगी जाती है। कई मामलों में ठगी करने वाले लोगों से उनका पिन नंबर भी पूछने में सफल हो जाते हैं। जानकारी मिलते ही अपराधी लोगों का अकाउंट खाली कर देते हैं।