गूगल क्रोम में ब्राउजिंग होगी और सुरक्षित, कंपनी कर रही यह काम
गूगल क्रोम में वेब ब्राउजिंग का अनुभव और सुरक्षित होने जा रहा है। कंपनी ने कहा है कि वह मलेशियस वेबसाइट के खिलाफ लाए गए सुरक्षा फीचर सेफ ब्राउजिंग मोड को और पुख्ता कर रही है। अभी तक यह मोड हर 30-60 मिनट पर वेबसाइट्स और फाइल की लिस्ट को अपडेट करता था, लेकिन गूगल का कहना है कि कई बार मलेशियल साइट 10 मिनट से भी कम समय में गायब हो जाती है। इसलिए इसे अपडेट किया गया है।
अब क्या करने जा रही है कंपनी?
गूगल ने बताया कि अब यह मोड रियल-टाइम में साइट को चेक करेगा। कंपनी का मानना है कि रियल-टाइम चेक बहुत महत्वपूर्ण है और यह इसे सेफ ब्राउजिंग के स्टैंडर्ड वर्जन में लाने पर विचार कर रही है। गूगल ने कहा कि सेफ ब्राउजिंग मोड 5 अरब से भी ज्यादा डिवाइसेस पर इस्तेमाल किया जा रहा है और यह फिशिंग, मालवेयर और अनचाहे सॉफ्टवेयर से सुरक्षा देता है। यह रोजाना 10 अरब URLs को स्कैन करता है।
कंपनी को है यह उम्मीद
इस मोड के जरिये क्रोम रोजाना 30 लाख से भी अधिक संभावित खतरों को लेकर अपने यूजर्स को चेतावनी देता है। गूगल को उम्मीद है कि अब रियल-टाइम चेक आ जाने के बाद यह 25 प्रतिशत अधिक फिशिंग हमलों को रोकने में सफल होगा। गूगल ने यह भी बताया कि इस फीचर के लिए निजता का खास ध्यान रखा गया है और यह किसी भी URL को कंपनी के साथ साझा नहीं करता है।