गूगल क्रोम और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर्स पर है साइबर हमले का खतरा, ऐसे रहें सुरक्षित
क्या है खबर?
भारत सरकार ने गूगल क्रोम और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर्स के लिए एक चेतावनी जारी की है।
भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In) ने क्रोम और एंड्रॉयड में कई सुरक्षा कमजोरियों की पहचान की है, जिन्हें हैकर अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
CERT-In के मुताबिक, ये कमजोरियां एंड्रॉयड और गूगल क्रोम दोनों में मौजूद हैं, जिससे लाखों उपकरणों को साइबर हमलों का खतरा बढ़ गया है और इससे सुरक्षा में गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।
खामियां
ये तकनीकी खामियां हैं शामिल
गूगल क्रोम में कई सुरक्षा कमजोरियां पाई गई हैं, जिसमें लेआउट में ओवरफ्लो और V8 जावास्क्रिप्ट इंजन में समस्या और अन्य तकनीकी खामियां शामिल हैं।
अगर कोई हैकर यूजर्स को एक खास वेब पेज पर भेज देता है, तो वह मनमाना कोड चला सकता है और गलत तरह से सिस्टम पर एक्सेस पा सकता है।
इसी तरह, एंड्रॉयड में भी सुरक्षा कमजोरियां हैं, जो महत्वपूर्ण घटकों को प्रभावित करती हैं। इनका फायदा उठाकर हैकर संवेदनशील जानकारी चुरा सकता है।
वर्जन
इन वर्जनों में है दिक्कत
गूगल क्रोम के लिए पहचान की गई सुरक्षा खामियां कई पुराने वर्जन को प्रभावित करती हैं, जिसमें विंडोज और मैक के लिए 129.0.6668.89/.90 और 129.0.6668.100/.101 शामिल हैं, जबकि लिनक्स के लिए 129.0.6668.89 और 129.0.6668.100 प्रभावित होते हैं।
इसके अलावा, एंड्रॉयड के लिए कमजोरियां एंड्रॉयड 12, एंड्रॉयड 12L, एंड्रॉयड 13, एंड्रॉयड 14 और एंड्रॉयड 15 के विभिन्न वर्जन में पाई गई हैं। इन कमजोरियों के कारण यूजर्स को सुरक्षा खतरे का सामना करना पड़ सकता है।
सुरक्षा
कैसे रहें सुरक्षित?
साइबर हमले के खतरे से बचने के लिए गूगल क्रोम के ऑटोमैटिक अपडेट को चालू रखें ताकि सुरक्षा पैच तुरंत मिल सकें और साइबर हमलों का खतरा कम हो। अनजान लिंक पर क्लिक न करें और केवल आवश्यक और विश्वसनीय एक्सटेंशन का उपयोग करें।
एंड्रॉयड यूजर्स को सभी ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करना चाहिए। अनजान ऐप्स इंस्टॉल करने से बचें और केवल भरोसेमंद ऐप्स का उपयोग करें, जिससे डिवाइस की सुरक्षा में सुधार हो सके।