पिछले महीने फेसबुक ने हटाए पांच हजार से ज्यादा अकाउंट्स, ग्रुप्स और पेजेस- रिपोर्ट
सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक ने जून महीने में पांच हजार से ज्यादा मालिशियस अकाउंट्स, ग्रुप्स और पेजेस के खिलाफ कार्रवाई की है। फेसबुक ने 5,381 ऐसे अकाउंट्स, ग्रुप्स और पेजेस प्लेटफॉर्म से हटाए हैं, जो खतरनाक हो सकते थे। रिपोर्ट की मानें तो फेसबुक ने सात अलग-अलग देशों से ऐसे अकाउंट्स के आठ नेटवर्क्स हटाए हैं। इनमें से ज्यादातर कैंपेन्स में उन्हीं देशों में रहने वाले यूजर्स को टारगेट किया गया था, जहां से इन्हें चलाया जा रहा था।
इंस्टाग्राम अकाउंट्स भी शामिल
IANS की रिपोर्ट में बताया गया है कि जून में कंपनी ने 2,784 फेसबुक अकाउंट्स, 206 इंस्टाग्राम अकाउंट्स और 2,249 पेज शामिल हैं। इसके अलावा 142 पब्लिक और प्राइवेट ग्रुप्स भी फेसबुक ने इस दौरान हटाए हैं। कंपनी ने ईराक और ईरान में 675 फेसबुक अकाउंट्स, 16 पेज और 10 इंस्टाग्राम अकाउंट्स सस्पेंड किए जो ईराक में यूजर्स को टारगेट कर रहे थे। अकाउंट्स ईराक में अल-मारीफ रेडियो और तेहरान में IT फर्म अल्ब्रोज एनालिसिस एंड डिवेलपमेंट से जुड़े थे।
मैक्सिको में इतने अकाउंट्स पर कार्रवाई
मैक्सिको में फेसबुक ने 1,621 फेसबुक अकाउंट्स, 1,795 पेजेस, 75 ग्रुप्स और 93 इंस्टाग्राम अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की। इन अकाउंट्स में ऐसे यूजर्स जुड़े थे, जो मैक्सिको की पॉलिटिकल स्ट्रेटजी और पब्लिक रिलेशंस फर्म वॉर्गकॉर्प के लिए काम कर रहे थे। फेसबुक ने इस बारे में टिप्पणी करते हुए कहा, "हमें इंटरनल इन्वेस्टिगेशन में क्षेत्र में इन ग्रुप्स और यूजर्स के बारे में जानकारी मिली और इनके अकाउंट्स हटाए गए।"
इसलिए हटाए गए फेसबुक अकाउंट्स
फेसबुक ने अकाउंट्स, ग्रुप्स और पेजेस के खिलाफ की गई कार्रवाई की वजह भी बताई है। सोशल मीडिया कंपनी ने कहा, "हमने पाया कि कई स्थानीय, गैर-सरकारी कैंपेन्स चलाए जा रहे थे और ढेर सारे ऐसे लोग इन कैंपेन्स का हिस्सा थे, जो बाकियों को भ्रमित करने का काम कर रहे थे।" ब्लॉक किए गए लोगों में से ज्यादातर ऐसा करने के लिए फेक अकाउंट्स की मदद ले रहे थे और ढेरों मेंबर्स वाले ग्रुप्स भी इनमें शामिल थे।
झूठ फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल
तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन स्पेस का इस्तेमाल चुनाव या राजनीतिक गतिविधियों के दौरान बड़े पैमाने पर झूठ फैलाने के लिए भी किया जाता है। राजनीतिक गुटों की कोशिश ऐसा कर अपने पक्ष में ज्यादा से ज्यादा समर्थन जुटाने की होती है। यही वजह है कि फेसबुक जैसी बड़ी सोशल मीडिया कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म्स पर खास AI टूल्स का इस्तेमाल ऐसे अकाउंट्स, ग्रुप्स और पेजेस का पता लगाने के लिए कर रही हैं।
पोस्ट्स को लेकर स्थिति होगी स्पष्ट
साथ ही फेसबुक अपने यूजर्स को मजाक और तथ्यों के बीच फर्क समझाना चाहती है। फेसबुक की कोशिश है कि प्लेटफॉर्म पर शेयर किए जाने वाले पोस्ट्स को लेकर यूजर्स में भ्रम की स्थिति ना बने। ऐसा करने के लिए कंपनी न्यूज फीड में दिखने वाले पोस्ट्स के साथ छोटे लेबल्स दिखाने से जुड़ा फीचर टेस्ट कर रही है। पेजेस की ओर से किए जाने वाले पोस्ट्स के साथ 'पब्लिक ऑफीशियल', 'फैन पेज' या 'व्यंग्य पेज' जैसे लेबल्स दिखाए जाएंगे।