
पृथ्वी पर लौटने पर शिशु जैसे होंगे सुनीता विलियम्स के पैर, आखिर क्यों?
क्या है खबर?
नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर लगभग 10 महीने बाद पृथ्वी पर लौटने के लिए तैयार हैं।
वे 8 दिन के मिशन पर गए थे, लेकिन उनके बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे उनकी वापसी में देरी हो गई।
नासा के दोनों यात्री मार्च, 2024 से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर फंसे हैं और अब 16 मार्च, 2025 को स्पेस-X ड्रैगन कैप्सूल से वापस आने वाले हैं।
वजह
वापसी पर क्यों होंगे उनके पैर शिशु जैसे?
अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता, जिससे पैरों पर दबाव नहीं पड़ता।
लंबी अवधि तक भारहीनता में रहने से पैरों की मोटी त्वचा (कॉलस) खत्म हो जाती है, जिससे वे नरम और संवेदनशील हो जाते हैं।
वैज्ञानिक इस स्थिति को 'बेबी फीट' कहते हैं, क्योंकि पैरों का तलवा किसी शिशु के पैरों जैसा हो जाता है। इसके अलावा, गुरुत्वाकर्षण में अचानक लौटने से चक्कर आना, भारीपन और संतुलन की समस्या भी हो सकती है।
असर
कैसे होगा असर और क्या होगा समाधान?
इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण विलियम्स और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी का सामना करना पड़ता है।
उन्हें वापस पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के अनुरूप खुद को ढालने के लिए कई हफ्तों तक व्यायाम और चिकित्सा से गुजरना होगा।
वैज्ञानिक इस पूरी प्रक्रिया पर बारीकी से नजर रखेंगे, ताकि भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए बेहतर समाधान तैयार किए जा सकें।