एलन मस्क का दावा, AI प्रशिक्षण के लिए असली दुनिया का डाटा लगभग हुआ खत्म
क्या है खबर?
अरबपति एलन मस्क ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए असली दुनिया का डाटा लगभग खत्म हो गया है।
उन्होंने कहा है कि अब नए मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए 'सिंथेटिक डाटा' का सहारा लेना होगा, जिसे AI खुद बनाता है।
यह विचार इल्या सुत्सकेवर के 'पीक डाटा' सिद्धांत से मेल खाता है, जिसमें कहा गया था कि AI को विकसित करने के लिए पारंपरिक तरीकों से अलग राह अपनानी होगी।
भविष्य
भविष्य में AI मॉडल कैसे बनेंगे?
मस्क के अनुसार, भविष्य में AI खुद को सिखाने के लिए पूरी तरह से सिंथेटिक डाटा का इस्तेमाल करेगा। यह तरीका असली डाटा की कमी को पूरा करेगा और AI की परियोजनाओं को सस्ता और कुशल बनाएगा।
उदाहरण के लिए, राइटर नाम की कंपनी ने अपने मॉडल को लगभग पूरी तरह सिंथेटिक डाटा से कम खर्च में तैयार किया।
माइक्रोसॉफ्ट, मेटा और OpenAI जैसी कंपनियां पहले से ही अपने मॉडल को सिंथेटिक डाटा से प्रशिक्षित कर रही हैं।
फायदे और नुकसान
सिंथेटिक डाटा के फायदे और नुकसान
सिंथेटिक डाटा का उपयोग करने से लागत कम होती है और डाटा जल्दी तैयार होता है, लेकिन शोध बताते हैं कि इससे AI मॉडल कम रचनात्मक और अधिक पक्षपाती हो सकते हैं।
अगर डाटा में पहले से गलतियां या सीमाएं होंगी, तो इसका असर मॉडल की गुणवत्ता पर पड़ेगा। इसके अलावा, सिंथेटिक डाटा से प्रशिक्षित मॉडल की कार्यक्षमता सीमित हो सकती है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस नई तकनीक का सही उपयोग करके AI के विकास को संतुलित करना है।