टिंडर पर वेरिफाई होना है बहुत आसान, इन स्टेप्स को फॉलो करें
क्या है खबर?
लोकप्रिय डेटिंग ऐप्स की बात करें तो टिंडर लोकप्रियता के मामले में काफी आगे निकल गई है।
फेक प्रोफाइल और कैटफिशिंग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए टिंडर ने वेरिफिकेशन फीचर पेश किया है, जिससे कि यूजर्स आसानी से फेक प्रोफाइल का पता लगा सकें।
अगर आप टिंडर पर वेरिफाइड नहीं है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम बताएंगे कि आप कैसे टिंडर पर अपनी प्रोफाइल को वेरिफाई कर सकते हैं।
जरूरत
वेरिफिकेशन लाने की जरूरत क्यों पड़ी?
इस फीचर को लाने का मुख्य मकसद लोगों को अधिक सुरक्षा देना था।
अक्सर देखा जाता है लोग सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल का इस्तेमाल करते हैं।
ऐसी ही धोखाधड़ी से बचने के लिए टिंडर ने अपने प्लेटफॉर्म पर फोटो वेरिफिकेशन फीचर पेश किया है, जिससे लोगों कि वास्तविकता प्रमाणित हो सके और ये सुनिश्चित हो सके कि ये वही लोग हैं जो टिंडर का वास्तव में इस्तेमाल कर रहे हैं।
प्रोफाइल वेरिफाई
इन स्टेप्स से टिंडर पर अपनी प्रोफाइल वेरिफाई करें
टिंडर ऐप खोलें और प्रोफाइल आइकन पर टैप करें।
अपने नाम/उम्र के साथ दिख रहे ग्रे चेकमार्क पर टैप करें।
अगले स्टेप में 'वेरिफाइ योर प्रोफाइल' चुनें।
आपको एक पोज दिखाया जाएगा और वैसी ही सेल्फी क्लिक करनी होगी।
दिखाए गए पोज में सेल्फी क्लिक कर 'सबमिट फॉर रिव्यू' बटन पर टैप करें।
प्रोफाइल कि पुष्टि हो जाने के बाद टिंडर आपके नाम के आगे एक ब्लू टिक दिखाएगा।
कभी-कभी वेरिफिकेशन में ज्यादा वक्त लग सकता है।
समय
वेरिफिकेशन प्रक्रिया में कितना समय लगता है?
एक बार जब आप अपनी तस्वीरें अपलोड कर लेते हैं, तो आप थोड़ी देर प्रतीक्षा कर सकते हैं।
आमतौर पर वेरिफिकेशन को स्वीकार या अस्वीकार करने में अधिकतम दो-तीन दिन लगते हैं।
जैसे ही वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो टिंडर आपको सूचित कर देगा, जिसके बाद आप अपने नाम के साथ एक ब्लू टिक देख सकते हैं।
इस तरह आप खुद को प्रमाणित कर पाएंगे कि आप वेरिफाई हैं।
जानकारी
जापान में हुई पहली बार वेरिफिकेशन प्रक्रिया
टिंडर आईडी वेरिफिकेशन फीचर को सबसे पहले 2019 में जापान में रोल आउट किया गया था, जहां कंपनी यह पहचानना चाहती थी कि इस देश में उसके यूजर्स की उम्र कम से कम 18 साल है।
टिंडर ने वहां अपने उपयोगकर्ताओं को पहचान वेरिफाई करने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या स्वास्थ्य आईडी अपलोड करने की अनुमति दी थी, जिससे लोग वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को अपना सकें और एक-दूसरे से बेहतर तालमेल बना सकें।