डाटा प्रोटेक्शन बिल : यूजर्स को प्लेटफॉर्म से पूरा डाटा डिलीट कराने का मिल सकता है अधिकार
क्या है खबर?
केंद्र सरकार डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन (DPDP) बिल के नए वर्जन में यूजर्स को उनके डाटा पर और अधिक कंट्रोल दे सकती है।
सरकार किसी भी कंपनी के पास स्टोर किए गए यूजर डाटा को पर्सनल डाटा ही नहीं बल्कि सभी रूपों में हटाने का दायरा बढ़ा सकती है।
DPDP विधेयक के मसौदे को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है, जिससे संसद के मानसून सत्र में इसे पेश करने का रास्ता साफ हो गया है।
निकाय
DPB के खिलाफ अपील के लिए पेश किया जा सकता है निकाय
मनीकंट्रोल के मुताबिक, बिल के नए मसौदे में यूजर्स के लिए सरकार डाटा प्रोटेक्शन बोर्ड (DPB) के फैसलों के खिलाफ अपील करने के लिए एक अपीलीय निकाय भी पेश कर सकती है।
अपीलीय निकाय की योजना 2022 के मसौदे से एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा, जहां केवल DPB ही कार्यवाही या पूछताछ कर सकता है और डाटा उल्लंघनों आदि से संबंधित यूजर्स शिकायतों से निपटने के दौरान अपने निर्णय दे सकता है।
जानकारी
अपीलीय निकाय के बारे में IT मंत्री ने कही थी ये बात
इस बारे में पहले पूछे जाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था, "मुझे नहीं लगता कि इसकी जरूरत है, लेकिन स्थायी समिति या कोई और इस पर विचार करना चाहता है तो सरकार को इससे कोई आपत्ति नहीं है।"
सरकार
2022 मसौदे के तहत शेष डाटा को रख सकते थे प्लेटफॉर्म
सरकार ने इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ बैठकों के बाद बिल में कई बदलाव किए। हालांकि, कैबिनेट द्वारा मंजूर अंतिम मसौदे को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
यूजर्स डाटा को हटाने या डिलीट करने के मामले में पिछले (2022) मसौदे के तहत यदि कोई यूजर्स किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अपना डाटा हटाने को कहता है तो प्लेटफॉर्म सिर्फ उनके पर्सनल डाटा को मिटाने का विकल्प चुन सकते थे और शेष डाटा अज्ञात फॉर्मेट में रख सकते थे।
रिपोर्ट
पहले वाले मसौदे से खुश थे इंडस्ट्री के लोग- सूत्र
रिपोर्ट में इस मामले से अवगत एक सूत्र के हवाले से कहा गया कि इंडस्ट्री के लोग पहले वाले मसौदे से खुश थे क्योंकि इसका मतलब था कि वे किसी की पर्सनल आइडेंटिफिएबल इंफॉर्मेशन (PII) को डाटासेट से बिना किसी बदलाव के साथ डी-लिंक कर सकते थे और इसके शेष डाटा को अज्ञात रूप में रख सकते थे।
हालांकि, सरकार यदि इसका दायरा बढ़ाती है तो सोशल मीडिया कंपनियों के लिए यह एक झटका होगा।
डिलीट
जरूरत नहीं होने पर डिलीट किया जा सकता है डाटा
DPDP विधेयक 2022 की धारा 12 (2) (d) में कहा गया है कि यदि कोई यूजर डाटा को प्रोसेस करने या इकट्ठा करने वाली किसी भी सोशल मीडिया ऐप या कंपनी से अपना डाटा मिटाने के लिए कहता है तो वह पर्सनल डाटा को मिटा देगी।
कहा गया कि यूजर्स के डाटा को जिस काम के लिए प्रोसेस किया गया था अब उस उद्देश्य के लिए इसकी जरूरत नहीं है और इसे डिलीट किया जा सकता है।
पुराना
वर्ष 2021 में भी पेश किया गया था डाटा संरक्षण विधेयक
इससे पहले सरकार ने वर्ष 2021 में भी डाटा प्रोटेक्शन बिल पेश किया था, जिससे संसदीय समिति और विपक्ष सहमत नहीं थे।
समिति ने व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत दोनों डाटा को विधेयक में शामिल करने की सिफारिश की।
प्लेटफॉर्म पर यूजर्स द्वारा पोस्ट की गई सामग्री के लिए सोशल मीडिया कंपनियों को जिम्मेदार ठहराने की बात भी समिति ने कही थी।
इस पर सरकार ने नया विधेयक पेश करने का फैसला लिया।