
बजट 2025 में साइबर सुरक्षा के लिए रखी गई कितनी रकम?
क्या है खबर?
देश में डिजिटल धोखाधड़ी जैसे साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो रहा है।
सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए 2025 के केंद्रीय बजट में 1,900 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया है, जो पिछले साल के 1,600 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को अधिक फंडिंग दी गई है, ताकि डिजिटल अपराधों पर काबू पाया जा सके।
फंड
किन क्षेत्रों को मिला ज्यादा फंड?
इस बजट में साइबर सुरक्षा पूंजी परियोजनाओं को 782 करोड़ रुपये मिले, जो पिछले साल से थोड़ी अधिक है।
CERT-In को 255 करोड़ रुपये दिए गए, जबकि महिलाओं और बच्चों की साइबर सुरक्षा के लिए आवंटन घटकर 44.39 करोड़ रुपये रह गया।
सबसे ज्यादा फंडिंग अंतरविषयक साइबर-भौतिक प्रणालियों के राष्ट्रीय मिशन को मिली, जिसे 900 करोड़ रुपये मिले, जो पिछले साल के 564.46 करोड़ रुपये से बहुत ज्यादा है। इससे सरकार साइबर खतरों से निपटने में अधिक सक्षम होगी।
सुरक्षा
सरकार की साइबर सुरक्षा पर सख्त नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 11,300 करोड़ रुपये के डिजिटल घोटालों का जिक्र कर नागरिकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से सावधान रहने को कहा था। 67.8 प्रतिशत साइबर अपराध वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े हैं, जिससे सुरक्षा उपायों की जरूरत और बढ़ गई है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद में कहा कि डीपफेक, साइबर अपराध और डिजिटल धोखाधड़ी भारत की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती हैं। सरकार इस क्षेत्र में सुरक्षा मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।