ChatGPT 6-12 महीनों में बदल सकता है भारत का जॉब मार्केट, नौकरियों पर बढ़ेगा खतरा
क्या है खबर?
ChatGPT की क्षमता को देखते हुए दुनिया इसकी तरफ खींची चली जा रही है।
OpenAI के इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट के साथ कई टेक कंपनियां पहले से प्रयोग कर रही हैं और अपने बिजनेस की क्षमता बढ़ाने और उसे ऑटोमेटेड बनाने में लगी हैं।
भारत भी ChatGPT को काफी तेजी से अपना रहा है। इससे आने वाले समय में भारत के जॉब मार्केट में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा और काफी लोगों की नौकरियां भी इससे प्रभावित होंगी।
भारत
अभी 100 प्रतिशत सटीक नहीं है टेक्नोलॉजी
कंपनियां अपने कई कार्यों के लिए इंसानों की जगह AI के इस्तेमाल पर जोर दे रही हैं।
ह्यूमन रिसोर्स से जुड़े जानकार इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि नौकरी के बाजार में होने वाली उथल-पुथल 6-12 महीनों में और अधिक साफ हो जाएगी।
हालांकि, इस टेक्नोलॉजी को लेकर डाटा प्राइवेसी और सेफ्टी से जुड़े मुद्दे भी हैं और विशेषज्ञ इसको लेकर चेतावनी भी देते रहते हैं। अभी इसके काम करने की सटीकता 100 प्रतिशत नहीं है।
संभावना
बिजनेस की क्षमता बढ़ाने में सक्षम है ChatGPT
ChatGPT किसी व्यवसाय में संभावनाओं का पता लगाने में सक्षम हैं और इस वजह से इसकी मांग बढ़ी है।
एयर इंडिया से लेकर माइक्रोब्लॉगिंग कंपनी कू सहित कई अन्य कंपनियां अपने बिजनेस को बढ़ाने और नई संभावनाओं को तलाशने के लिए ChatGPT का तेजी से इस्तेमाल कर रही हैं।
ट्विटर की भारतीय प्रतिद्वंदी कही जाने वाली कू कंपनी बीते एक महीने में आंतरिक रूप से सक्रिय तरीके से ChatGPT का उपयोग कर रही है।
फर्म
पॉलिसीGPT तक पहुंच गई तकनीक
कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा फर्म प्लम ने एक कदम आगे बढ़ते हुए 'पॉलिसीGPT' शुरू किया है। ये OpenAI के GPT-3.5 API पर बना AI चैटबॉट है।
यह पॉलिसी से जुड़े ग्राहकों के सवालों का समाधान तेजी से प्रदान करता है। इससे कस्टमर सर्विस टीम में काम करने वाले लोगों की जरूरत खत्म हो गई।
हालांकि, फर्म के पास अभी एक छोटी टीम है क्योंकि अभी AI सिस्टम पूरी तरह से सटीक नहीं है।
हायरिंग
AI के इन फायदों के चलते कंपनियां अपनाएंगी टेक्नोलॉजी
कुछ दिन पहले ही IBM के CEO ने एक इंटरव्यू में कहा कि कंपनी हायरिंग बंद कर देगी और 7,800 नौकरियों को AI से बदल देगी।
एक ह्यूमन रिसोर्स डायरेक्टर जेनेट पॉल के अनुसार, AI के कई ऐसे लाभ हैं, जिनकी वजह से कंपनियां ChatGPT जैसी जनरेटिव AI टेक्नोलॉजी को अपनाएंगी। इससे कर्मचारियों की संख्या कम होने और वेतन में बचत होने के साथ ही ऑफिस स्पेस में भी बचत होगी।
सौदेबाजी
AI के जरिए मौजूदा कर्मचारियों से ही ले सकेंगे अधिकतम लाभ
पॉल ने कहा कि जिन बड़ी कंपनियों ने भारी संख्या में लोगों को निकाला है उनके बारे में कुछ समय बाद पता चलेगा कि उन्होंने AI को अपनाया है। कंपनियां कर्मचारियों की नियुक्ति करने की जगह AI के जरिए अपनी कार्यक्षमता बढ़ाकर मौजूद कर्मचारियों से अधिकतम लाभ ले सकती हैं।
बेंगलुरू स्थित एक्जीक्यूटिव सर्च फर्म वॉकवाटर टैलेंट एडवाइजर्स के सह-संस्थापक और निदेशक आशुतोष खन्ना ने कहा कि AI की वजह से कंपनियां कर्मचारियों से अधिक सौदेबाजी कर सकती हैं।
खतरा
AI विशेषज्ञ की राय और गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट
AI विशेषज्ञ और अमेरिकी-ब्राजीलियन रिसर्चर बेन गोएर्त्जेल कहते हैं कि AI आने वाले वर्षों में 80 प्रतिशत इंसानी नौकरियों की जगह ले सकता है।
गोएर्त्जेल के मुताबिक, उन्हें AI से खतरा नहीं बल्कि लाभ दिखता है। उनके मुताबिक, लोग जीवन जीने के लिए काम करने की तुलना में बेहतर चीजें पा सकते हैं।
गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में AI 70 प्रतिशत नौकरियां खत्म कर देगा।
जानकारी
AI से जुड़ी नौकरियों में बढ़ी लोगों की मांग
ChatGPT और अन्य AI सिस्टम शुरुआत में जॉब मार्केट के लिए अभिशाप हो सकते हैं, लेकिन इससे कई नए अवसर भी पैदा होंगे। फाउंडिट के एक सर्वे के अनुसार, भारत में AI से जुड़ी नौकरियों के लिए 6 महीने में 11 प्रतिशत मांग बढ़ी है।