NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / टेक्नोलॉजी की खबरें / ChatGPT 6-12 महीनों में बदल सकता है भारत का जॉब मार्केट, नौकरियों पर बढ़ेगा खतरा 
    अगली खबर
    ChatGPT 6-12 महीनों में बदल सकता है भारत का जॉब मार्केट, नौकरियों पर बढ़ेगा खतरा 
    कंपनियां अपने बिजनेस की क्षमता को बढ़ाने के लिए ChatGPT का इस्तेमाल कर रही हैं

    ChatGPT 6-12 महीनों में बदल सकता है भारत का जॉब मार्केट, नौकरियों पर बढ़ेगा खतरा 

    लेखन रजनीश
    May 09, 2023
    04:12 pm

    क्या है खबर?

    ChatGPT की क्षमता को देखते हुए दुनिया इसकी तरफ खींची चली जा रही है।

    OpenAI के इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट के साथ कई टेक कंपनियां पहले से प्रयोग कर रही हैं और अपने बिजनेस की क्षमता बढ़ाने और उसे ऑटोमेटेड बनाने में लगी हैं।

    भारत भी ChatGPT को काफी तेजी से अपना रहा है। इससे आने वाले समय में भारत के जॉब मार्केट में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा और काफी लोगों की नौकरियां भी इससे प्रभावित होंगी।

    भारत

    अभी 100 प्रतिशत सटीक नहीं है टेक्नोलॉजी

    कंपनियां अपने कई कार्यों के लिए इंसानों की जगह AI के इस्तेमाल पर जोर दे रही हैं।

    ह्यूमन रिसोर्स से जुड़े जानकार इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि नौकरी के बाजार में होने वाली उथल-पुथल 6-12 महीनों में और अधिक साफ हो जाएगी।

    हालांकि, इस टेक्नोलॉजी को लेकर डाटा प्राइवेसी और सेफ्टी से जुड़े मुद्दे भी हैं और विशेषज्ञ इसको लेकर चेतावनी भी देते रहते हैं। अभी इसके काम करने की सटीकता 100 प्रतिशत नहीं है।

    संभावना

    बिजनेस की क्षमता बढ़ाने में सक्षम है ChatGPT

    ChatGPT किसी व्यवसाय में संभावनाओं का पता लगाने में सक्षम हैं और इस वजह से इसकी मांग बढ़ी है।

    एयर इंडिया से लेकर माइक्रोब्लॉगिंग कंपनी कू सहित कई अन्य कंपनियां अपने बिजनेस को बढ़ाने और नई संभावनाओं को तलाशने के लिए ChatGPT का तेजी से इस्तेमाल कर रही हैं।

    ट्विटर की भारतीय प्रतिद्वंदी कही जाने वाली कू कंपनी बीते एक महीने में आंतरिक रूप से सक्रिय तरीके से ChatGPT का उपयोग कर रही है।

    फर्म

    पॉलिसीGPT तक पहुंच गई तकनीक

    कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा फर्म प्लम ने एक कदम आगे बढ़ते हुए 'पॉलिसीGPT' शुरू किया है। ये OpenAI के GPT-3.5 API पर बना AI चैटबॉट है।

    यह पॉलिसी से जुड़े ग्राहकों के सवालों का समाधान तेजी से प्रदान करता है। इससे कस्टमर सर्विस टीम में काम करने वाले लोगों की जरूरत खत्म हो गई।

    हालांकि, फर्म के पास अभी एक छोटी टीम है क्योंकि अभी AI सिस्टम पूरी तरह से सटीक नहीं है।

    हायरिंग

    AI के इन फायदों के चलते कंपनियां अपनाएंगी टेक्नोलॉजी

    कुछ दिन पहले ही IBM के CEO ने एक इंटरव्यू में कहा कि कंपनी हायरिंग बंद कर देगी और 7,800 नौकरियों को AI से बदल देगी।

    एक ह्यूमन रिसोर्स डायरेक्टर जेनेट पॉल के अनुसार, AI के कई ऐसे लाभ हैं, जिनकी वजह से कंपनियां ChatGPT जैसी जनरेटिव AI टेक्नोलॉजी को अपनाएंगी। इससे कर्मचारियों की संख्या कम होने और वेतन में बचत होने के साथ ही ऑफिस स्पेस में भी बचत होगी।

    सौदेबाजी

    AI के जरिए मौजूदा कर्मचारियों से ही ले सकेंगे अधिकतम लाभ

    पॉल ने कहा कि जिन बड़ी कंपनियों ने भारी संख्या में लोगों को निकाला है उनके बारे में कुछ समय बाद पता चलेगा कि उन्होंने AI को अपनाया है। कंपनियां कर्मचारियों की नियुक्ति करने की जगह AI के जरिए अपनी कार्यक्षमता बढ़ाकर मौजूद कर्मचारियों से अधिकतम लाभ ले सकती हैं।

    बेंगलुरू स्थित एक्जीक्यूटिव सर्च फर्म वॉकवाटर टैलेंट एडवाइजर्स के सह-संस्थापक और निदेशक आशुतोष खन्ना ने कहा कि AI की वजह से कंपनियां कर्मचारियों से अधिक सौदेबाजी कर सकती हैं।

    खतरा

    AI विशेषज्ञ की राय और गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट

    AI विशेषज्ञ और अमेरिकी-ब्राजीलियन रिसर्चर बेन गोएर्त्जेल कहते हैं कि AI आने वाले वर्षों में 80 प्रतिशत इंसानी नौकरियों की जगह ले सकता है।

    गोएर्त्जेल के मुताबिक, उन्हें AI से खतरा नहीं बल्कि लाभ दिखता है। उनके मुताबिक, लोग जीवन जीने के लिए काम करने की तुलना में बेहतर चीजें पा सकते हैं।

    गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में AI 70 प्रतिशत नौकरियां खत्म कर देगा।

    जानकारी

    AI से जुड़ी नौकरियों में बढ़ी लोगों की मांग

    ChatGPT और अन्य AI सिस्टम शुरुआत में जॉब मार्केट के लिए अभिशाप हो सकते हैं, लेकिन इससे कई नए अवसर भी पैदा होंगे। फाउंडिट के एक सर्वे के अनुसार, भारत में AI से जुड़ी नौकरियों के लिए 6 महीने में 11 प्रतिशत मांग बढ़ी है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    ChatGPT

    ताज़ा खबरें

    श्रीनगर-दिल्ली इंडिगो विमान कैसे टर्बुलेंस में फंसा और पाकिस्तान से किस बात की मांगी थी अनुमति? इंडिगो
    हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश मामले में ट्रंप प्रशासन के खिलाफ दायर किया मुकदमा अमेरिका
    'तू मेरी मैं तेरा, मैं तेरा तू मेरी' की शूटिंग शुरू, कार्तिक आर्यन का नया लुक वायरल कार्तिक आर्यन
    'है जवानी तो इश्क होना है' में आएगा 'चुनरी चुनरी' गाने का नया वर्जन, भड़के प्रशंसक वरुण धवन

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

    ChatGPT डाटा सेंटर भारी मात्रा में कर रहे हैं पानी की खपत, शोधकर्ताओं ने दी चेतावनी ChatGPT
    एलन मस्क OpenAI को टक्कर देने के लिए अपने AI स्टार्टअप पर कर रहे हैं काम एलन मस्क
    एलन मस्क ने X.AI नामक फर्म करवाई रजिस्टर, OpenAI को टक्कर देने की है योजना एलन मस्क
    गूगल CEO सुंदर पिचई ने बिना गाइडलाइन AI के विकास को बताया खतरा  गूगल

    ChatGPT

    एयर इंडिया किराया निर्धारित करने के लिए ChatGPT का करेगी इस्तेमाल, सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग जारी एयर इंडिया
    इटली ने ChatGPT पर लगाया प्रतिबंध, जानिए क्या है वजह इटली
    ChatGPT पर बैन लगा सकता है जर्मनी, क्या हैं इससे जुड़ी चिंताएं? जर्मनी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास को रोकने से नहीं कम होंगी चुनौतियां - बिल गेट्स बिल गेट्स
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025