गूगल CEO सुंदर पिचई ने बिना गाइडलाइन AI के विकास को बताया खतरा
ChatGPT की लोकप्रियता और इसकी कार्यक्षमता को देखते हुए टेक जगत के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं। एलन मस्क और स्टीव वोज्नियाक जैसे टेक्नोलॉजी क्षेत्र के जानकार AI के विकास को रोकेने की मांग कर रहे हैं तो बिल गेट्स जैसे दिग्गज इस तरह की रोक को टेक्नोलॉजी के विकास में बाधा मानते हैं। अब गूगल के CEO सुंदर पिचई ने AI के बारे में अपने विचार रखे हैं।
AI के नुकसान से बचाव के लिए तय होनी चाहिए गाइडलाइन- पिचई
सुंदर पिचई ने एक इंटरव्यू में कहा कि AI टेक्नोलॉजी को अपनाने से पहले इससे होने वाले संभावित नुकसान से बचाव के लिए गाइडलाइन तय होनी चाहिए। यदि AI को गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया तो यह बहुत हानिकारक हो सकता है। याद दिला दें कि इससे पहले एलन मस्क सहित कुछ अन्य दिग्गजों ने अंधाधुंध तरीके से हो रहे AI के विकास को समाज के लिए खतरा बताते हुए रेगुलेशन की मांग की थी।
ChatGPT ने बढ़ाया AI का मुकाबला
गूगल अपने कई प्रोडक्ट्स में लंबे समय AI का इस्तेमाल कर रही है। गूगल लेंस से लेकर गूगल फोटो जैसे सॉफ्टवेयर में जहां इमेज-रिकॉग्निशन का इस्तेमाल होता है, वहीं गूगल असिस्टेंट के लिए नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का इस्तेमाल होता है। गूगल AI पर वर्षों से काम कर रही है, लेकिन OpenAI के ChatGPT ने AI टूल की दौड़ को बढ़ा दिया। ChatGPT की लॉन्चिंग के बाद गूगल को भी अपना AI चैटबॉट बार्ड समय से पहले लॉन्च करना पड़ा था।
डीपफेक वीडियो समाज को पहुंचाते हैं नुकसान- पिचई
पिचई के मुताबिक, AI जैसी शक्तिशाली टेक्नोलॉजी समाज को अनुकूल होने का समय नहीं देती। इसलिए इस तरह की टेक्नोलॉजी को तब तक पेश नहीं करना चाहिए, जब तक इनको लेकर गाइडलाइन न बन जाए कि इन्हें किस तरह से अपनाया जाना है। जनरेटिव AI के खतरों के बीच पिचई ने डीपफेक वीडियो और इसके नुकान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि डीपफेक वीडियो समाज को नुकसान पहुंचाते हैं और इसके परिणाम भुगतने होंगे।
AI को अपनाने के लिए सामाजिक नियमों की जरूरत- पिचई
पिचई ने कहा कि जिन लोगों ने AI के साथ काम किया है, वो जानते हैं कि यह कितना अलग और गहरा है। इसलिए AI को अपनाने के लिए सामाजिक नियमों की जरूरत होगी। पिचई पहले भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर कहते रहे हैं कि इसके लिए गाइडलाइन बनाने की जरूरत है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि AI को नियंत्रित नहीं करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह सभी यूजर्स तक अपनी पहुंच बना सके।