
ISRO के 'गगनयान' मिशन को सरकार की मंजूरी, अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे तीन भारतीय
क्या है खबर?
भारत सरकार ने 2022 तक अंतरिक्ष में इंसान भेजने की तैयारियों को लेकर बड़ा कदम उठाया है।
केंद्र सरकार ने ISRO के अंतरिक्ष में इंसान भेजने के महत्वाकांक्षी अभियान 'गगनयान' के लिए बजट को मंजूरी दे दी है।
इसके तहत तीन इंसानों को सात दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस मिशन पर लगभग Rs. 10,000 करोड़ की लागत आएगी।
अगर यह अभियान सफल रहता है तो ऐसा करने वाला भारत चौथा देश होगा।
ट्विटर पोस्ट
कैबिनेट ने दी योजना को मंजूरी
Cabinet approves indigenous human spaceflight programme; Gaganyaan programme to carry 3 member crew for minimum 7 days in space at a total cost of Rs 10k crores.
— ANI (@ANI) December 28, 2018
घोषणा
लाल किले से हुई थी अभियान की घोषणा
इस साल स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के 'गगनयान' अभियान की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि साल 2022, यानी आजादी के 75वें साल में या उससे पहले भारत 'गगनयान' के जरिये अंतरिक्ष में तिरंगा ले जाएगा।
अभी तक अमेरिका, रूस और चीन, तीन ही ऐसे देश हैं जिन्होंने अंतरिक्ष में इंसान को भेजने के अभियान में सफलता पाई है।
योजना
ISRO के सबसे बड़े रॉकेट का होगा इस्तेमाल
माना जा रहा है कि ISRO इस अभियान में अपने सबसे बड़े रॉकेट GSLV Mk III के जरिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा।
इससे पहले मानवरहित उड़ान के सहारे इसका डेमो किया जाएगा।
अभी तक ISRO ने Rs. 173 करोड़ खर्च कर अतंरिक्ष उड़ान के लिए जरूरी टेक्नोलॉजी तैयार की है।
पहले साल 2008 में ऐसे अभियान की योजना थी, लेकिन तब यह संभव नहीं हो पाया था।
तैयारी
तैयारियों में जुटा ISRO
साल 2014 में ISRO ने क्रू मोड्यूल एटमोसफेरिक रिएंट्री एक्सपेरिमेंट (CARE) का टेस्ट किया था।
इसमें भारतीय अतंरिक्ष यात्रियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले क्रू मॉड्यूल के प्रोटोटाइप कैप्सूल को GSLV Mk III की मदद से लॉन्च किया गया था। यह अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया गया था।
गगनयान अभियान में अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा से भी मदद ली जाएगी। शर्मा पहले ऐसे भारतीय पायलट हैं, जो अप्रैल 1984 में सोयूज टी-11 से अंतरिक्ष में गए थे।