ऐपल फेस ID ने दिया धोखा, चार साल छोटे भाई के चेहरे से अनलॉक हुआ आईफोन

ऐपल के फेस ID ऑथेंटिकेशन सिस्टम को सबसे भरोसेमंद माना जाता है, लेकिन इसमें भी कमियां हैं। फीचर मिलने के साथ ही सवाल उठता रहा है कि क्या ऐपल फेस ID को धोखा दिया जा सकता है और इसका जवाब हां है। इससे पहले कुछ यूजर्स ने दिखाया था कि जुड़वा भाई-बहन एकदूसरे का फोन अनलॉक कर पा रहे थे। वहीं, अब एक फेसबुक वीडियो में चार साल छोटा भाई अपने बड़े भाई का फोन अनलॉक करते दिखा है।
विनम्र सूद नाम के यूजर ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर वीडियो शेयर किया, जिसमें वह अपने भाई के साथ नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में विनम्र फेस ID से अपना आईफोन अनलॉक कर भाई को देते हैं और उनका भाई उपांशु भी आसानी से डिवाइस अनलॉक कर पाता है। मजेदार बात यह है कि विनम्र और उपांशु जुड़वा भाई नहीं हैं और दोनों की उम्र में चार साल का फर्क है।
विनम्र ने इस वीडियो के कैप्शन में इसे ऐपल डिवाइसेज में मौजूद खामी बताया है। उन्होंने कहा, "दोस्तों, ये देखिए। मैंने ऐपल फेस ID रेकग्निशन सॉफ्टवेयर में मौजूद बड़ी खामी का पता लगाया है। ऐसा मोबाइल इंडस्ट्री में अपने मार्केटिंग कैंपेन्स में 'सुरक्षा' और 'एंड टू एंड कंट्रोल' का दावा कर महंगे फोन बेचने वाली एक बड़ी कंपनी के साथ हो रहा है।" विनम्र ने लिखा कि 6,000 रुपये जितना सस्ता फोन इससे बेहतर सुरक्षा देता है।
विनम्र और उपांशु जुड़वा भाई नहीं हैं, यानी कि पूरी तरह एक जैसे नहीं दिखते। ऐपल मल्टी-यूजर फेस ID का विकल्प देती है लेकिन वीडियो में दिखाया गया है कि आईफोन 12 मिनी मॉडल में कोई आल्टरनेटिव फेस ID नहीं सेट की गई है। कंपनी के लेटेस्ट लाइनअप में भी यूजर्स को फेस ID ऑथेंटिकेशन और पासकोड का विकल्प ही मिलता है और कंपनी 2017 के बाद से टच ID का विकल्प यूजर्स को नहीं दे रही है।
फेस ID सेट अप करने के लिए यूजर्स को अपना चेहरा दो बार स्कैन करना होता है। ऐपल का कहना है कि ट्रूडेप्थ कैमरा अतिरिक्त सुरक्षा लेवल शामिल करता है और आईफोन तभी अनलॉक होता है, जब यूजर उसकी ओर देख रहा हो। हालांकि, एक्सट्रा लेयर होने के बाद भी ऐपल का डिवाइस सही यूजर को नहीं पहचान पाया। बताते चलें, कंपनी जल्द टच ID वापस ला सकती है और यूजर्स को नया ऑथेंटिकेशन विकल्प भी मिलेगा।
बीते दिनों सामने आया है कि ऐपल के नए एक्सेसरी एयरटैग्स को हैक किया जा सकता है। 8-बिट ने रिपोर्ट किया कि एक सिक्योरिटी रिसर्चर ने माइक्रोकंट्रोलर का इस्तेमाल करते हुए इससे जरूरत के हिसाब से टास्क करवाए। ऐपल के लिए यह बात बड़ा झटका हो सकती है कि उसका लेटेस्ट प्रोडक्ट हैक किया जा सकता है। हालांकि, रिसर्चर ने बताया कि ऐपल एयरटैग को हैक करना आसान नहीं है और इसके लिए ज्यादा जानकारी और वक्त होना जरूरी है।