बिगबास्केट के दो करोड़ यूजर्स का निजी डाटा लीक, डार्क वेब पर हो रही बिक्री
पिछले कुछ समय से बड़ी कंपनियों के डाटा लीक होने की घटनाएं जारी हैं। इसमें ताजा नाम ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर बिगबास्केट (BigBasket) का जुड़ा है। बताया जा रहा है कि कंपनी के दो करोड़ यूजर्स का डाटा लीक हो गया है और इसे डार्क वेब पर बेचा जा रहा है। साइबर इंटेलीजेंस फर्म साइबल के अनुसार, कंपनी के दो करोड़ यूजर्स के नाम, इमेल, पासवर्ड हैश, कॉन्टेक्ट नंबर, पता और दूसरी जानकारियां लीक हुई हैं।
30 लाख रुपये में बेचा जा रहा दो करोड़ यूजर्स का डाटा
साइबल ने बताया कि हैकर्स लीक हुए इस डाटा को डार्क वेब पर 30 लाख रुपये में बेच रहे हैं। साइबल ने अपने बयान में बताया कि डाटाबेस की फाइल का साइज लगभग 15GB है और इसमें लगभग दो करोड़ यूजर्स का डाटा है।
फाइनेंशियल डाटा सुरक्षित
साइबल ने जानकारी देते हुए कहा कि बिगबास्केट के यूजर्स के नाम और कॉन्टेक्ट नंबर जैसी जानकारियां लीक हुई हैं, लेकिन फाइनेंशियल डाटा पूरी तरह सुरक्षित है। बता दें कि ऑनलाइन शॉपिंग के लिए यूजर्स को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स शेयर करनी पड़ती हैं। कई वेबसाइट आगे शॉपिंग को आसान बनाने के लिए ये डिटेल्स सेव कर लेती हैं। राहत की बात ये है कि लीक हुए डाटाबेस में ये डिटेल्स शामिल नहीं हैं।
बिगबास्केट ने पुलिस में शिकायत दी
डाटा लीक होने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए बिगबास्केट ने बयान जारी कर कहा कि कुछ दिन पहले उन्हें डाटा लीक की जानकारी मिली थी। कंपनी विशेषज्ञों के साथ मिलकर इन दावों की पुष्टि कर रही है और इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। कंपनी ने बेंगलुरू पुलिस की साइबर क्राइम सेल में इस संबंध में शिकायत दी है। इस डाटा लीक की जानकारी 31 अक्टूबर और 1 नवंबर के बीच सामने आई थी।
दूसरी कंपनियां भी हो चुकी डाटा लीक का शिकार
बिगबास्केट से पहले पिछले महीने डॉ लाल पैथलैब्स के लाखों मरीजों का डाटा लीक हुआ था। डॉ लाल पैथलैब्स ने अपने ग्राहकों के संवेदनशील डाटा वाली सैकड़ों स्प्रेडशीट्स अमेजन वेब सर्विस (AWS) पर स्टोर की थी। सर्वर पर स्टोर किए गए इस डाटा पर पासवर्ड नहीं लगाया गया था। ऐसे में कोई भी व्यक्ति इस डाटा को देख सकता था। लीक हुए डाटा में कुछ मरीजों की कोरोना वायरस टेस्ट की रिपोर्ट्स भी शामिल थीं।
क्या होती है डार्क वेब, जहां बिक रहा लीक हुआ डाटा?
डार्क वेब इंटरनेट का वो हिस्सा है, जो सर्च इंजन पर इंडेक्स नहीं है यानी साधारण यूजर इसे एक्सेस नहीं कर पाएगा। इसे एक्सेस करने के लिए अलग ब्राउजर की जरूरत होती है। यहां पर क्रेडिट कार्ड नंबर, सभी प्रकार की ड्रग्स, नकली पैसे, चुराया गया डाटा, हैक किए सोशल मीडिया अकाउंट आदि आसानी से उपलब्ध होते हैं। हालांकि, यहां मौजूद जानकारियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। डार्क वेब पर लेनदेन के लिए अधिकतर क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल होता है।