बुलडोजर कार्रवाई पर रोक से विपक्ष खुश, अखिलेश यादव समेत अन्य नेताओं ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देशभर में बुलडोजर कार्रवाई पर 1 अक्टूबर तक अंतरिम रोक लगा दी है, जिसके बाद विपक्षी INDIA गठबंधन के नेताओं में खुशी दिख रही है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से लेकर कांग्रेस ने इस पर अपना बयान दिया है। उन्होंने कोर्ट के आदेश को सत्तारूढ़ पार्टियों के मुंह पर तमाचा बताया है। विपक्षी पार्टियां शुरू से बुलडोजर कार्रवाई के विरोध में रही हैं। आइए जानते हैं, नेताओं की प्रतिक्रिया।
क्या बोले अखिलेश यादव?
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार सबसे अधिक बुलडोजर कार्रवाई कर रही थी, जिसका अखिलेश विरोध कर रहे थे। मंगलवार को कोर्ट के आदेश पर उन्होंने कहा, "बुलडोजर असंवैधानिक, लोगों को डराने के लिए और जानबूझकर विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए था। मैं सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करूंगा। मुख्यमंत्री, उनके मंत्री और भाजपा के लोग इस बुलडोजर का महिमामंडन कर रहे थे, जैसे यही न्याय था। तमाम रैलियों में बुलडोजर दिखाकर भय पैदा कर रहे थे।"
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर पर बड़ा बयान देकर एक बात साफ की है कि देश संविधान से चलेगा न कि आराजकता से। कोर्ट का यह फैसला कि जब तक दिशा-निर्देश न बन जाए तब तक कोई बुलडोजर नहीं चलेगा, यह नफरती मुख्यमंत्रियों और नेताओं के मुंह पर करारा तमाचा है। बुलडोजर नफरत, हिंसा और राजनीतिक प्रतिशोध का प्रतीक बन चुका है। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।"
ओवैसी ने क्या कहा?
ऑल इंडिया मजसिल-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुलडोजर कार्रवाई को राज्य सरकारों का बदला लेने का तरीका बताया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक्स पर लिखा, 'बुलडोजर अन्याय पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। राज्य सरकारें बदला लेने, सामूहिक दंड देने और भीड़ को खुश करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल करती रही हैं।'
सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया है आदेश?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए देशभर की निजी संपत्ति पर 1 अक्टूबर तक बुलडोजर कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि 1 अक्टूबर को अगली सुनवाई तक बुलडोजर कार्रवाई पर रोक रहेगी और किसी प्रकार की तोड़फोड़ नहीं होगी। साथ ही कोर्ट ने किसी प्रकार की बुलडोजर कार्रवाई के लिए आदेश लेने को कहा और दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही। हालांकि, सार्वजनिक संपत्ति पर आदेश लागू नहीं होगा।