मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई विपक्ष की बड़ी बैठक, जानिए किन मुद्दों पर बनी सहमति
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर सोमवार रात को 17 विपक्षी पार्टियों की एक बैठक हुई, जिसमें सभी ने मिलकर मोदी सरकार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया। शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस की इस बैठक और रात्रिभोज के निमंत्रण को ठुकरा दिया था और बैठक में उनकी गैर-मौजूदगी की चर्चा भी जोरों पर रही। कांग्रेस समेत 18 विपक्षी पार्टियों की इस बैठक में किन बातों पर सहमति बनी, आइए विस्तार से जानते हैं।
विपक्षी पार्टियां सावरकर जैसे संवदेनशील मुद्दों पर टिप्पणी से रहेंगी दूर
कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने वीर सावरकर जैसे संवेदनशील विषयों पर टिप्पणी करने से दूरी बनाए रखने पर सहमति जताई है। शिवसेना विपक्षी एकता का मजबूत स्तंभ है और हाल ही में राहुल गांधी द्वारा सावरकर पर टिप्पणी करने कारण उद्धव ठाकरे बैठक में शामिल नहीं हुए। ठाकरे ने कहा था कि वह राहुल के बयान से आहत हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ महा अघाड़ी गठबंधन तोड़ने की चेतावनी भी दी थी।
विपक्षी पार्टियों का मोदी सरकार के खिलाफ अभियान रहेगा जारी
बैठक में विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार के खिलाफ अभियान जारी रखने का संकल्प भी लिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया, 'रात को 18 विपक्षी पार्टियों ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के आवास पर एक बैठक की और सभी ने एक स्वर से मोदी सरकार के खिलाफ अपने अभियान को जारी रखने का फैसला किया। सरकार लोकतंत्र को नष्ट कर रही है। विपक्षी पार्टियों ने मोदी की डर और धमकी की राजनीति का मुकाबला करने का सामूहिक संकल्प व्यक्त किया।'
बैठक में अडाणी समूह मामले में JPC गठन की मांग पर भी हुई चर्चा
बैठक में सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने इस बात पर भी सहमति जताई कि कांग्रेस नेता राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द की जाने के खिलाफ प्रदर्शन और अडाणी समूह से जुड़े वित्तीय अनिमियतता के मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित करने की मांग जारी रहेगी। इस मौके पर केंद्र की भाजपा सरकार को अडाणी मामले में घेरने और आगे की रणनीति पर भी चर्चा की गई।
खड़गे बोले- कुछ गलत नहीं हुआ तो सरकार JPC जांच से क्यों भाग रही है
अडाणी समूह मामले में बैठक में हुई चर्चा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'एक व्यक्ति को बचाने के लिए मोदी जी 140 करोड़ लोगों के हितों को कुचल रहे हैं। प्रधानमंत्री के 'परम मित्र' की रक्षा करने के लिए भाजपा ने संसद में गतिरोध किया। अगर कुछ गलत नहीं हुआ है तो सरकार JPC से जांच की विपक्ष की मांग से भाग क्यों रही है।'
कौन-सी विपक्षी पार्टियों के नेता रहे मौजूद?
इस बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के शरद पवार के अलावा जनता दल यूनाइटेड (JDU), भारत रक्षा समिति (BRS), कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (CPM), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), आम आदमी पार्टी (AAP), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), तृणमूल कांग्रेस (TMC), मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (MDMK), समाजवादी पार्टी (SP), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) समेत कुल 18 पार्टियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।