नागालैंड के एक समूह ने किया लोकसभा चुनाव का बहिष्कार, अलग राज्य की मांग पर अड़ा
क्या है खबर?
नागालैंड के ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ENPO) ने 6 जिलों को मिलाकर अलग राज्य की मांग को लेकर अपना विरोध तेज कर दिया है। संगठन ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की बात दोहराई है।
NDTV के मुताबिक, पिछले दिनों तुएनसांग में 20 विधायकों और विभिन्न अन्य संगठनों के साथ मैराथन क्लोज डोर कॉर्डिनेशन बैठक के बाद ENPO ने राज्य में 19 अप्रैल के संसदीय चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की।
बता दें, नागालैंड में सिर्फ एक लोकसभा सीट है।
बहिष्कार
विधायकों ने किया था फैसले पर पुनर्विचार का अनुरोध
ENPO इससे पहले भी चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर चुका है। बैठक में शामिल 20 विधायकों वाले पूर्वी नागालैंड विधायक संघ ने ENPO से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था।
इस बीच नागालैंड के पूर्वी हिस्से में 8 मार्च से शुरू हुआ सार्वजनिक आपातकाल जारी रहेगा।
इस दौरान 6 जिलों की 7 नागा जनजातियों की सर्वोच्च संस्था ENPO और इसके प्रमुख संगठन किसी भी चुनाव अभियान की अनुमति नहीं दे रहे हैं।
मांग
ENPO की किन 6 जिलों को अलग राज्य बनाने की मांग पर अड़ा?
ENPO का गठन 1997 में हुआ था। वह नागालैंड के 6 जिलों को मिलाकर 'फ्रंटियर नागालैंड' नाम से एक अलग राज्य या फिर प्रशासन बनाने की मांग पर अड़ा है।
इसे नागालैंड के 16 जिलों में किफिरे, लॉन्गलेंग, मोन, नोक्लाक, शमतोर और तुएनसांग जिलों को अलग कर बनाया जाना है, जिसमें नागा जनजातियां रहती हैं।
यह मांग 2010 से चल रही है। इसको लेकर राज्य में तनाव भी बना रहता है। यहां 6 माह तक AFPSA भी लागू है।