मनोहर पर्रिकर के बेटे को नहीं मिली पणजी से भाजपा की टिकट, केजरीवाल ने दिया प्रस्ताव
भाजपा ने आज गोवा विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की। इसमें पणजी से कांग्रेस से आए अतानासियो 'बाबुश' मोंसेरेट को टिकट दिया गया है। पार्टी के इस फैसले पर इस सीट से लड़ने के इच्छुक रहे पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर बिफर गए हैं और उन्होंने पार्टी को अल्टीमेटम दे दिया है। इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने उत्पल को उनकी टिकट पर लड़ने का प्रस्ताव दिया है।
उत्पल ने ठुकराया अन्य दो सीटों से लड़ने का भाजपा का प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा से उत्पल को अन्य दो सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन उन्होंने पार्टी के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और वे पणजी से लड़ने पर अड़े हुए हैं। उनके इस रवैये के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि उनके पिता मनोहर पर्रिकर इसी सीट से लड़ते थे और वे अपने पिता की सीट से ही लड़ना चाहते हैं। वे पिछले कुछ महीने से यहां प्रचार भी कर रहे थे।
जल्द अपना रुख साफ करूंगा- उत्पल
अब पणजी से टिकट न मिलने पर उत्पल ने कहा कि वो जल्द ही अपना रूख साफ करेंगे। दूसरी तरफ भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पू्र्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूरे विवाद पर कहा कि पार्टी ने उत्पल को पणजी की जगह दो अन्य सीटों के विकल्प दिए थे। उन्होंने कहा, "हमें लगता है कि उन्हें ये विकल्प स्वीकार कर लेने चाहिए। भाजपा ने हमेशा पर्रिकर परिवार को सम्मान दिया है।"
केजरीवाल ने उत्पल को दिया AAP में शामिल होकर उसकी टिकट पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव
भाजपा में इस अंदरूनी लड़ाई में अपना फायदा देखते हुए AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उत्पल को उनकी पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव भी दे दिया है। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, 'गोवा के निवासी बहुत दुखी महसूस कर रहे हैं कि भाजपा ने पर्रिकर परिवार के साथ भी 'इस्तेमाल करो और फेंको' की नीति अपनाई है। मैंने हमेशा मनोहर पर्रिकर जी का सम्मान किया है। उत्पल जी AAP में शामिल होकर उसकी टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।'
25 साल पणजी से विधायक रहे थे पर्रिकर, मोंसेरेट थे उनके कट्टर विरोधी
बता दें कि तीन बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर 25 साल तक पणजी से विधायक रहे थे। 2019 में उनका देहांत हो गया था और उनके देहांत के बाद हुए उपचुनाव ने मोंसेरेट ने कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में वो भाजपा में शामिल हो गए। मोंसेरेट जीवनभर पर्रिकर के विरोधी रहे थे और अब उनके देहांत के बाद उनकी पार्टी भाजपा ने उन्हें उन्हीं की सीट से टिकट दे दी है।
गोवा में कब हैं चुनाव?
गोवा में 14 फरवरी को एक चरण में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी दिन उत्तराखंड में भी वोट डाले जाएंगे। 10 मार्च को उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर और उत्तराखंड के साथ गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे।
न्यूजबाइट्स प्लस
गोवा में विधानसभा की कुल 40 सीटें हैं । 2017 में यहां भी किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 17 सीटें जीती थीं, वहीं भाजपा ने 13 सीटें जीती थीं। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और निर्दलियों ने तीन-तीन सीटें जीती थीं, वहीं एक सीट NCP के हिस्से आई थी। यहां भी भाजपा ने जोड़-तोड़ कर सरकार बनाई थी और मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री बने थे। उनके निधन के बाद प्रमोद सावंत मुख्यमंत्री बने।