गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 63 साल की उम्र में निधन, कैंसर से थे पीड़ित
क्या है खबर?
महीनों तक अग्नाशय (Pancreatic) के कैंसर से जूझने के बाद, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को निधन हो गया है। उनकी उम्र 63 वर्ष थी।
इससे कुछ देर पहले मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि उनकी हालत बेहद खराब है, लेकिन अब उनकी मौत की पुष्टि कर दी गई है।
उनकी पत्नी मेधा का निधन 2001 में ही हो गया था। राजनीतिक नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
जानकारी
पिछले साल से थे कैंसर से पीड़ित
बता दें कि पर्रिकर की हालत खराब होने पर शनिवार को उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वे फरवरी 2018 से ही कैंसर से पीड़ित थे। तबीयत खराब होने पर उनका इलाज गोवा, मुंबई, अमेरिका व दिल्ली के बड़े अस्पतालों में हुआ था।
ट्विटर पोस्ट
राष्ट्रपति ने ट्वीट कर किया शोक व्यक्त
President of India announces that Goa Chief Minister Manohar Parrikar has passed away pic.twitter.com/PS8ocF395S
— ANI (@ANI) March 17, 2019
शुरूआती जीवन
कम उम्र में ही RSS से जुड़ गए थे पर्रिकर
1955 में पैदा हुए पर्रिकर ने कम उम्र में ही RSS ज्वाइन कर ली और जल्द ही एक मुख्य प्रशिक्षक बन गए थे।
उन्होंने IIT-B से मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और 1978 में स्नातक किया था।
पर्रिकर ने राम जन्मभूमि आंदोलन के आयोजन के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने भाजपा को राष्ट्रीय राजनीति में पहचान दिलाने में मदद की।
पर्रिकर ने एक बार कहा था कि उन्होंने RSS से अनुशासन, प्रगतिशीलता, राष्ट्रवाद और सामाजिक जिम्मेदारी सीखी है।
राजनीति
साल 2000 में पहली बार बने गोवा के मुख्यमंत्री
1994 में गोवा विधानसभा में सीट जीतने के बाद पर्रिकर औपचारिक रूप से राजनीति में आये थे।
24 अक्टूबर, 2000 को वे पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनका कार्यकाल 27 फरवरी, 2002 तक ही रहा।
उन्हें जून 2002 में फिर से मुख्यमंत्री चुना गया, लेकिन भाजपा के चार विधायकों के इस्तीफे के बाद, जनवरी 2005 को उनकी सरकार अल्पमत में आ गई।
2012 में भाजपा ने 40 में से 24 सीटें जीतीं और पर्रिकर फिर से मुख्यमंत्री बने।
जानकारी
नवंबर 2014 में बने केंद्रीय रक्षा मंत्री
पर्रिकर ने 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को जिताने में अहम् भूमिका निभाई थी। नवंबर 2014 में पर्रिकर को केंद्रीय रक्षा मंत्री बनाया गया था।
गोवा
साल 2017 में फिर हुई राज्य की राजनीति में वापसी
साल 2017 में गोवा में हुए विधानसभा चुनावों में कोई भी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाई थी।
चुनाव के बाद भाजपा के सहयोगियों ने कहा कि वे पार्टी का समर्थन तभी करेंगे जब पर्रिकर मुख्यमंत्री बनेंगे। इसके बाद उन्होंने मार्च 2017 में गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
जब पर्रिकर ने 2019 में गोवा का बजट पेश किया, तब वे बहुत बीमार थे और उनकी नाक में ट्यूब लगी हुई थी।
भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे!