जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024: कांग्रेस ने जारी किया घोषणापत्र, जानिए क्या-क्या वादे किए
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने सोमवार को अपना घोषणापत्र जारी किया।
इसमें राज्य का दिलाने और कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास कराने सहित कई अहम वादे किए हैं। पार्टी ने इसे 'जनता का घोषणापत्र' करार दिया है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और तारिक हमीद कर्रा ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में बदले हालातों से घायल हुए कश्मीर के दिल पर अब अब मरहम लगाने का समय आ गया है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें कांग्रेस के घोषणापत्र जारी करने का वीडियो
जम्मू-कश्मीर के लिए कांग्रेस की गारंटी ✋
— Congress (@INCIndia) September 16, 2024
🔹 स्टेटहुड का हक
✅ जम्मू-कश्मीर को स्टेटहुड दिलाएंगे
🔹 महिला सम्मान, हमारा हक
✅ घर की मुखिया को हर महीने ₹3000
✅ स्वयं सहायता समूहों के लिए ₹5 लाख तक का ब्याज मुक्त कर्ज
🔹 अच्छी सेहत, हमारा हक
✅ हर परिवार को ₹25… pic.twitter.com/RefuVv64Qk
वादा
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में क्या वादे किए?
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल कराने, कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास कराने के लिए डॉ मनमोहन सिंह की योजना को पूरी तरह लागू करने, हर परिवार को 25 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज प्रदान करने और हर जिले में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित करने का वादा किया है।
इसी तरह 1 लाख रिक्त पदों को भरने और प्रत्येक परिवार के सदस्य को 11 किलो राशन देने का भी वादा किया गया है।
किसान
किसानों को हर महीने 4,000 रुपये देने का वादा
खेड़ा ने किसानों को लेकर घोषणा करते हुए कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो भूमिहीन किसान या किराए पर खेती करने वालों को हर महीने 4,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
इसी तरह उनके लिए 99 साल के पट्टे की व्यवस्था भी की जाएगी, सेब की फसल के लिए 72 रुपए किलो के हिसाब से न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित किया जाएगा और प्राकृतिक आपदाओं में खराब होने वाली फसलों के लिए 100 प्रतिशत फसल बीमा दिया जाएगा।
चुनाव
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे विधानसभा चुनाव?
जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में विधानसभा चुनाव होना है। पहले चरण में 18 सिंतबर को मतदान होगा।
दूसरे चरण में 25 सितंबर और तीसरे चरण में 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।
2014 के बाद से परिसीमन और अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पहला विधानसभा चुनाव है।
2014 के चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था, जिसके बाद भाजपा ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के साथ सरकार बनाई थी।