पुडुचेरी में कैसे गिरी कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार?
मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के विधानसभा में बहुमत साबित करने में नाकाम रहने के बाद आज पुडुचेरी में कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार गिर गई। संख्याबल की कमी के कारण सरकार का गिरना लगभग तय माना जा रहा था और इसलिए सत्ता पक्ष और मुख्यमंत्री बहुमत परीक्षण पर वोटिंग से पहले ही सदन से वॉक आउट कर गए। आइए आपको बताते हैं कि कैसे एक के बाद एक कई विधायकों के इस्तीफे बाद सरकार ने अपना बहुमत खो दिया।
मौजूदा संकट से पहले क्या थी विधानसभा की स्थिति?
मौजूदा संकट की शुरूआत से पहले 33 सदस्यीय पुडुचेरी विधानसभा में कांग्रेस के 15 विधायक थे और उसे द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के तीन और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन हासिल था। इस तरह से सरकार को कुल 19 विधायकों का समर्थन था जो बहुमत के आंकड़े 17 से दो अधिक था। दूसरी तरफ विपक्ष में ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस (AINRC) के सात, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के चार और भाजपा के तीन मनोनीत विधायक थे।
जनवरी में एक मंत्री और एक विधायक के इस्तीफे से शुरू हुआ संकट
पिछले साल जुलाई में अपना एक विधायक खोने वाली कांग्रेस सरकार के लिए असली संकट इस साल जनवरी में शुरू हुआ जब पार्टी के दो विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इनमें पार्टी में नंबर दो माने जाने वाले लोक निर्माण मंत्री ए नमासिवयम और ई थीपेंथन नामक एक विधायक शामिल थे। ये दोनों ही बाद में भाजपा में शामिल हो गए। उनके इस्तीफे के बाद विधानसभा का संख्याबल घटकर 30 और सरकार के विधायकों की संख्या 16 रह गई थी।
पिछले हफ्ते दो और विधायकों के इस्तीफे से बढ़ा संकट
कांग्रेस गठबंधन की सरकार इन झटकों से उभरी भी नहीं थी कि पहले 15 फरवरी को स्वास्थ्य मंत्री एम कृष्णा राव और फिर 16 फरवरी को विधायक जॉन कुमार ने इस्तीफा दे दिया। कृष्णा राव का इस्तीफा कांग्रेस के लिए हैरान करने वाला था क्योंकि चंद दिन पहले ही वह मुख्यमंत्री नारायणसामी के साथ किरण बेदी को उपराज्यपाल के पद से हटाने का अनुरोध लेकर राष्ट्रपति से मिलने दिल्ली गए थे।
राव और कुमार के इस्तीफे के बाद सरकार ने खोया बहुमत
इन दो इस्तीफों के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने बहुमत खो दिया था और 28 सदस्यीय विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के 14-14 विधायक रह गए थे। इस समय सरकार गिराने का मौका देख विपक्षी पार्टी AINRC के प्रमुख एन रंगास्वामी ने सरकार के बहुमत खोने का दावा कर दिया और उनके दावे के बाद उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री नारायणसामी को 22 फरवरी को बहुमत साबित करने का आदेश दिया।
बहुमत परीक्षण की पूर्व संध्या पर दो और विधायकों का इस्तीफा
सत्तारूढ़ गठबंधन की मुसीबतें यहीं खत्म नहीं हुई और बहुमत परीक्षण की पूर्व संध्या पर रविवार को उसके दो और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इन विधायकों में कांग्रेस के लक्ष्मीनारायणन और DMK के के वेकटेशन शामिल रहे। इसी के साथ सरकार को बचाने की गठबंधन की सारी उम्मीदें धूमिल हो गईं और 26 सदस्यीय विधानसभा में उसका संख्याबल घटकर 12 रह गया। इसी कारण आज मुख्यमंत्री नारायणसामी ने बहुमत परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे दिया।
अभी क्या है विधानसभा की स्थिति?
अभी पुडुचेरी विधानसभा का संख्याबल घटकर 26 हो गया है। इसमें कांग्रेस के नौ, DMK के दो और एक निर्दलीय विधायक हैं। वहीं विपक्ष में AINRC के सात, AIADMK के चार और भाजपा के तीन विधायक हैं। राज्य में मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।