विश्व हिंदी दिवस 2023: हिंदी भाषा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण और रोचक तथ्य
दुनियाभर में हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य हिंदी भाषा को बढ़ावा देना है। 10 जनवरी, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने नागपुर में पहले विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया था। इसके बाद 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। आइए आज इसी से जुड़े कई रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं।
फारसी भाषा से लिया गया है 'हिंदी' शब्द
हिंदी का नाम फारसी शब्द हिंद से लिया गया है, जिसका अर्थ 'सिंधु नदी की भूमि' है। दरअसल, फारसियों द्वारा सिंधु नदी के किनारे रहने वाले लोगों को हिंदू और उनके द्वारा बोली जाने वाली भाषा को हिंदी कहा जाता था। हिंदी भाषा आधुनिक आर्य भाषाओं में से एक है। अवतार, बंगला, गुरु और जंगल आदि जैसे ऐसे बहुत से अंग्रेजी शब्द हैं, जिन्हें हिंदी भाषा से लिया गया है।
दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है हिंदी
एक अध्ययन के अनुसार, दुनिया में मंदारिन (चीनी) और अंग्रेजी के बाद हिंदी तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। वर्तमान में भारत में करीब 50 करोड़ लोग हिंदी भाषा में बात करते हैं, वहीं दुनियाभर में करीब 60 करोड़ लोग हिंदी भाषा बोलते हैं। विदेशों में कई विश्वविद्यालय ऐसे हैं, जहां हिंदी भाषा का अध्ययन कराया जाता है। 2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में पहली बार अच्छा, बड़ा दिन और बच्चा जैसे हिंदी शब्दों को शामिल किया गया था।
राष्ट्रीय नहीं, राजकीय भाषा है हिंदी
बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि हिंदी राष्ट्रीय भाषा है, लेकिन यह राष्ट्रीय नहीं बल्कि राजकीय भाषा है। 14 सितंबर, 1949 को देवनागरी लिपि में हिंदी को भारत की राजभाषा के तौर पर स्वीकार किया गया था। वहीं 26 जनवरी, 1950 को संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी। 1981 में सबसे पहले बिहार ने हिंदी को अपनी आधिकारिक राज्य भाषा घोषित किया था।
राष्ट्रीय हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस में है यह अंतर
कुछ लोग राष्ट्रीय हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस को एक ही मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है, वहीं देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाने का फैसला किया था। 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा के तौर पर अपनाया गया था, इसी कारण इस दिन राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।
1930 में बना था पहला हिंदी टाइपराइटर
1930 में पहली बार हिंदी टाइपराइटर बना था। इससे पहले अंग्रेजी में टाइप किया जाता था और हिंदी के पत्राचार हाथ से लिखे जाते थे। साल 1937 में भारत के हरि गोविंद गोविल ने देवनागरी के लिए नए टाइपफेस का आविष्कार किया था।