भूटान: थिम्पू की यात्रा के दौरान इन 5 गतिविधियों का जरूर लें मजा
क्या है खबर?
भूटान की राजधानी और सबसे बड़ा शहर थिम्पू अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है।
यहां की हरी-भरी पहाड़ियां और साफ-सुथरी सड़कों पर घूमना एक अनोखा अनुभव है। थिम्पू में आधुनिकता और पारंपरिकता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। यहां के लोग अपने मेहमानों का स्वागत बड़े ही गर्मजोशी से करते हैं।
अगर आप शांति और सुकून की तलाश में हैं तो थिम्पू आपके लिए एक आदर्श स्थान हो सकता है।
#1
बुद्धा डोरडेनमा स्टैच्यू
थिम्पू में स्थित बुद्धा डोरडेनमा स्टैच्यू एक विशाल बुद्ध प्रतिमा है, जो लगभग 51.5 मीटर ऊंची है।
यह प्रतिमा कुन्सेलफोड्रांग नेचर पार्क में स्थित है और इसे देखने के लिए हर साल हजारों पर्यटक आते हैं।
इस प्रतिमा से पूरे थिम्पू शहर का नजारा बेहद खूबसूरत दिखाई देता है।
यहां आकर आप न केवल इस अद्भुत कला को देख सकते हैं बल्कि आसपास की प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद ले सकते हैं।
#2
ताशिचो द्जोंग
ताशिचो द्जोंग थिम्पू में स्थित एक ऐतिहासिक किला है, जो भूटान सरकार के कार्यालयों का मुख्यालय भी है।
यह किला 17वीं शताब्दी में बनाया गया था और इसकी वास्तुकला बेहद आकर्षक है। यहां आकर आप भूटानी संस्कृति और इतिहास को करीब से जान सकते हैं।
शाम के समय जब किले को रोशनी से सजाया जाता है, तब इसका दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है।
#3
नेशनल मेमोरियल चोर्टन
नेशनल मेमोरियल चोर्टन थिम्पू के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इसे तीसरे राजा जिग्मे दोरजी वांगचुक की याद में बनवाया गया था।
यह सफेद रंग का चोर्टन है, जिसके ऊपर सुनहरे रंग की छतरी लगी हुई है। यहां आकर लोग प्रार्थना करते हैं और ध्यान लगाते हैं, जिससे उन्हें मानसिक शांति मिलती है।
इस स्थान पर आकर आप भूटानी संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को करीब से जान सकते हैं।
#4
लोक हस्तशिल्प संग्रहालय
लोक हस्तशिल्प संग्रहालय थिम्पू में स्थित एक ऐसा स्थान है, जहां आप भूटानी हस्तशिल्प कला को करीब से देख सकते हैं।
इस संग्रहालय में पारंपरिक वस्त्र, गहने, बर्तन और अन्य वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं, जो भूटानी संस्कृति की झलक दिखाती हैं।
यहां आकर आपको स्थानीय कलाकारों द्वारा बनाए गए अनोखे उत्पाद देखने को मिलेंगे, जिन्हें आप खरीद भी सकते हैं।
यह संग्रहालय भूटान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को समझने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है।
#5
चांगखांखा ल्हाखंग मंदिर
चांगखांखा ल्हाखंग मंदिर थिम्पू का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है, जिसे 12वीं शताब्दी में बनाया गया था।
यह मंदिर भगवान अवलोकितेश्वर को समर्पित है, जिनकी मूर्ति यहां स्थापित की गई है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए थोड़ी पैदल यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन इसके बाद मिलने वाला दृश्य आपकी सारी मेहनत सफल कर देता है।
यहां आकर आप भूटानी संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का अनुभव कर सकते हैं।