भारत के ये पारंपरिक फैब्रिक करते हैं हमारी विविध संस्कृति की मेजबानी, आप भी जरूर खरीदें
क्या है खबर?
भारत विविधता का देश है, जिसकी पहचान उसकी समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक वेश भूषा है।
यहां के हर राज्य के अपने खास परिधान हैं, जो न केवल उनकी शान माने जाते हैं, बल्कि उनकी तहजीब व सभ्यता की मेजबानी भी करते हैं।
यहां बनारसी सिल्क से लेकर कश्मीरी पश्मीना जैसे कई शाही और एलिगेंट फैब्रिक मिल जाते हैं।
सभी फैशन प्रेमियों की अलमारी में भारत के ये 5 पारंपरिक फैब्रिक जरूर होने चाहिए, जिन्हें पहनकर सबसे शानदार लुक मिलता है।
#1
कांजीवरम सिल्क
तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम शहर की शान माना जाने वाला कांजीवरम सिल्क एक पारंपरिक रेशमी फैब्रिक है। इस कपड़े से दक्षिण भारतीय शैली वाली खूबसूरत साड़ियां बनाई जाती हैं।
ये साड़ियां अपने जीवंत रंगों और जटिल बॉर्डर के लिए जानी जाती हैं। कांजीवरम सिल्क को शुद्ध शहतूत रेशम और भारी सोने की जरी से बुना जाता है।
कांजीवरम साड़ियों की बुनाई पूरी तरह से हाथ से की जाती है, जिसमें कई घंटे लगते हैं।
#2
पश्मीना
पश्मीना को कश्मीर घाटी का पर्याय माना जाता है, जो एक ऊनी फैब्रिक होता है। यह एक प्रकार का मुलायम, गर्म और हल्का ऊन है, जो चांगथांगी बकरियों से प्राप्त होता है।
पश्मीना शब्द फारसी शब्द 'पश्म' से लिया गया है, जिसका मतलब है ऊन। इसे दुनिया के सबसे बेहतरीन ऊनों में से एक माना जाता है, जिससे बने परिधानों की कीमत हजारों में लगाई जाती है।
इस फैब्रिक से शॉल, स्टोल, स्कार्फ और सूट आदि बनाए जाते हैं।
#3
बनारसी सिल्क
उत्तर प्रदेश का वाराणसी अपने खान-पान और ऐतिहासिक महत्व के लिए तो मशहूर है ही। हालांकि, इस शहर की पहचान इसके सिल्क फैब्रिक से भी की जाती है।
बनारसी सिल्क से बनी साड़ियां अपने जटिल डिजाइन, शानदार जरी के काम और उच्च गुणवत्ता वाले रेशम के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं।
इन साड़ियों पर सोने और चांदी के धागों से जरी का काम किया जाता हैं और इन्हें पहनकर एक शाही लुक मिल जाता है।
#4
चिकनकारी
लखनऊ का नवाबी अंदाज सभी के मन को भाता है। इस शहर की एक और खासियत है, जो चिकनकारी के नाम से मशहूर है।
चिकनकारी एक पारंपरिक कढ़ाई है, जिसमें सूती या जॉर्जेट जैसे कपड़ों पर फूलों वाला पैटर्न सिला जाता हैं। यह हाथों से की जाने वाली कढ़ाई है, जिसमें कुशल कारीगर कपड़े पर डिजाइन बनाते हैं।
चिकनकारी के जरिए कुर्तियां, साड़ियां, सूट, शरारा, गरारा, दुप्पटे और यहां तक की टॉप भी बनाए जाते हैं।
#5
चंदेरी
मध्य प्रदेश के चंदेरी शहर से आता है एक बेहद सुंदर पारंपरिक फैब्रिक, जिसे चंदेरी के नाम से जाना जाता है।
यह फैब्रिक हल्का होता है और अपनी पारदर्शिता और नाजुक बनावट के कारण लोगों का पसंदीदा बन जाता है।
यह अक्सर रेशम या कपास के मिश्रण से बनाया जाता है और इसे जरी से सजाया जाता है।
चंदेरी फैब्रिक का उपयोग साड़ियां, कुर्तियां, सलवार कमीज, पैंट और अन्य कपड़े बनाने के लिए किया जाता है।