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समाचारों से दूर रहते हैं 39 प्रतिशत भारतीय, डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ रहा भरोसा- सर्वे

समाचारों से दूर रहते हैं 39 प्रतिशत भारतीय, डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ रहा भरोसा- सर्वे

लेखन अंजली
Jun 17, 2024
03:14 pm

क्या है खबर?

यूनाइटेड किंगडम (UK) स्थित रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म एक शोध केंद्र है, जिसके एक हालिया सर्वे से दुनियाभर में समाचारों से दूर रहने वाले लोगों की बढ़ती संख्या और उनके डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ते भरोसे का पता चला है। खासतौर से भारत में इसका अधिक प्रभाव देखने को मिला है। यह सर्वे इसी साल जनवरी से फरवरी के बीच किया गया था। आइए इस सर्वे के बारे में विस्तार से जानते हैं।

भारत

भारत में 39 प्रतिशत लोग समाचार से कर रहे हैं परहेज

भारत में बढ़ती इंटरनेट पहुंच और स्मार्टफोन के इस्तेमाल के कारण अधिकतर लोग समाचार पत्रों या टेलीविजन जैसे पारंपरिक मीडिया चैनलों के बजाय ऑनलाइन समाचार देखने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 39 प्रतिशत भारतीय समाचारों से परहेज कर रहे हैं। आलम यह है कि दर्शकों की बदलती पसंद के साथ बेहतर जुड़ाव के लिए भारतीय मीडिया संगठन पॉडकास्ट और वीडियो जैसे नए प्रारूपों को अपना रहे हैं।

सर्वे

47 देशों के वयस्कों पर किया गया है यह सर्वे

सर्वे में भारत समेत 47 देशों के लगभग 95,000 वयस्क शामिल थे और यह विश्व स्तर पर चुनावों की अवधि के दौरान आयोजित किया गया। रिपोर्ट के मुख्य लेखक निक न्यूमैन ने कहा कि लोग मानसिक स्वास्थ्य कारणों या अपने जीवन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए समाचारों से दूर हो रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग समाचारों के नकारात्मक दृष्टिकोण से परेशान हो चुके हैं, जबकि अन्य समाचारों की भारी मात्रा और राजनीति से थक गए हैं।

बयान

युवाओं के बीच बढ़ रहा वीडियो समाचारों का महत्व- निक

ऑनलाइन समाचार के स्त्रोत के रूप में वीडियो का महत्व खासतौर से युवाओं के बीच काफी बढ़ रहा है। इसका कारण बताते हुए निक ने कहा, "उपभोक्ता वीडियो द्वारा प्रदान किए जाने वाले समाचारों को पेश करने के तरीके की ओर आकर्षित हो रहे हैं, लेकिन पारंपरिक तरीके से समाचार प्रदान करने वाले संगठनों के लिए इस परिवर्तन का सामना करना चुनौतीपूर्ण हो रहा है और वह इससे निपटने के नए-नए तरीके खोज रहे हैं।"

सलाह

रिपोर्ट में मीडिया संगठनों को बदलाव करने की भी दी सलाह

रॉयटर्स इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में भारतीय समेत अन्य देशों के मीडिया को विश्वास, समाचार थकान और टिकाऊ राजस्व मॉडल जैसे मुद्दों से निपटने की सला दी गई है। कहा गया कि उच्च गुणवत्ता वाली पत्रकारिता में निवेश, प्रौद्योगिकी का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल और दर्शकों को संलग्न करने के लिए रणनीतियों को अपनाने पर जोर देने की जरुरत है, जिससे डिजिटल युग की जटिलताओं से सफलतापूर्वक निपटने में मदद मिल सकती है।