बिलकिस बानो मामले में गुजरात सरकार को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पुनर्विचार याचिका
बिलकिस बानो मामले में गुजरात सरकार को बड़ा झटका लगा है। आज (26 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दोषियों की रिहाई से जुड़े आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाने से इनकार कर दिया है। दरअसल, गुजरात सरकार ने दोषियों को समय से पहले रिहा कर दिया, जिसे रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणियां की थीं। गुजरात सरकार ने इसे हटाने के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
गुजरात सरकार ने क्या मांग की थी?
गुजरात सरकार ने याचिका में मामले में दोषियों की समय पूर्व रिहाई को खारिज करने के फैसले में राज्य के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को अनुचित बताया था। सरकार ने फैसले में से इन टिप्पणियों को हटाने का अनुरोध किया था। सरकार ने कहा था कि कोर्ट का 8 जनवरी का फैसला त्रुटिपूर्ण था और इसमें राज्य को अधिकार हड़पने और विवेकाधिकार का दुरुपयोग करने का दोषी ठहराया गया था।
क्या है मामला?
गुजरात दंगों के दौरान 3 मार्च, 2002 को दाहोद के रंधिकपुर गांव में 11 दोषियों ने बिलकिस का गैंगरेप किया था। उस वक्त बिलकिस 5 महीने की गर्भवती थीं। दंगाइयों ने बिलकिस की 3 वर्षीय बेटी समेत उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या भी कर दी थी। दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई थी, लेकिन गुजरात सरकार ने 15 अगस्त, 2022 को उन्हें रिहा कर दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था।