नए साल में घूमने के लिए शानदार हैं ये 5 ऑफबीट जगहें, साल यादगार रहेगा
नया साल आने वाला है और इस समय कई लोग यात्रा की योजनाएं बनाते हैं। अगर आप भीड़-भाड़ से दूर कुछ नया अनुभव करना चाहते हैं तो भारत में कई शानदार जगहे हैं। ये जगहें प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं और यहां की संस्कृति समेत स्थानीय जीवनशैली आपको अलग अनुभव देंगी। चाहे आप पहाड़ों की सैर करना चाहें या समुद्र तट पर आराम, इन ऑफबीट स्थानों पर जाकर आप अपने नए साल को खास बना सकते हैं।
तवांग (अरुणाचल प्रदेश)
अरुणाचल प्रदेश का खूबसूरत हिल स्टेशन तवांग अपनी शांति और प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर है। यहां का तवांग मठ एशिया का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है, जिसे देखने दुनियाभर से पर्यटक आते हैं। सांगेस्टर लेक जैसी झीलें भी बेहद आकर्षक हैं। ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए यहां कई रूट्स उपलब्ध हैं, जो अद्भुत दृश्य प्रदान करते हैं। ठंड में बर्फबारी या गर्मियों में हरी-भरी वादियों का आनंद लेना हो, तवांग हर मौसम में खास अनुभव देता है।
डावकी नदी (मेघालय)
मेघालय की डावकी नदी अपने कांच जैसे साफ पानी के लिए मशहूर है। यहां नाव चलाने पर ऐसा लगता है मानो नाव हवा में तैर रही हो। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है, जहां आप बोटिंग कर सकते हैं या किनारे बैठकर समय बिता सकते हैं। आसपास की हरियाली और पहाड़ियां इसे सुंदर बनाती हैं। डावकी गांव भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित है, जिससे यहां दोनों देशों की संस्कृति का मिश्रण देखने को मिलता है।
कच्छ रण (गुजरात)
कच्छ रण गुजरात में स्थित एक विशाल सफेद रेगिस्तान है, जो अपनी अनोखी छटा के लिए जाना जाता है। हर साल नवंबर से फरवरी तक यहां रण उत्सव होता है, जिसमें लोक संगीत, नृत्य और हस्तशिल्प प्रदर्शनी शामिल होती हैं। पर्यटक ऊंट सफारी का आनंद ले सकते हैं या तारों भरे आसमान के नीचे कैंपिंग कर सकते हैं। दिन में सूरज की रोशनी जब सफेद नमक पर पड़ती है तो यह दृश्य किसी सपने जैसा लगता है।
युकसोम (सिक्किम)
युकसोम सिक्किम में स्थित एक छोटा-सा गांव है, जिसे सिक्किम की पहली राजधानी होने का गौरव प्राप्त हुआ था। यहां कई प्राचीन मठ व ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं। युकसोम से शुरू होकर गोएचा ला ट्रेक तक जाने वाला मार्ग ट्रेकर्स द्वारा बहुत पसंद किया जाता रहा है। इसके अलावा यहां आसपास कई झरने और झीले हैं, जिनके पास बैठकर सुकून भरे पल बिताए जा सकते हैं।
कास पठार (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित कास पठार सितंबर-अक्टूबर में रंग-बिरंगे फूलों से ढका रहता है, जिसे 'फूलों की घाटी' कहा जाता है क्योंकि यहां लगभग 850 प्रकार की वनस्पतियां पाई जाती हैं। यह क्षेत्र यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल है और जैव विविधता संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। फोटोग्राफी के शौकीन यहां आकर सपने सच होने जैसा महसूस करते हैं, जबकि प्रकृति प्रेमी घंटों बिताकर विभिन्न प्रकार के फूल-पौधों का अध्ययन करते हैं।