Page Loader
30 की उम्र के बाद हर महिला को करवाने चाहिए ये पांच हेल्थ टेस्ट, जानिए

30 की उम्र के बाद हर महिला को करवाने चाहिए ये पांच हेल्थ टेस्ट, जानिए

लेखन अंजली
Dec 17, 2019
09:40 pm

क्या है खबर?

महिलाएं एक साथ कई काम करने में माहिर होती हैं, लेकिन उनकी हर दिन के लक्ष्यों को हासिल करने की जद्दोजहद में स्वास्थ्य को कई तरह से क्षति भी पहुंच सकती है। ऐसे में महिलाओं को 30 की उम्र के बाद कुछ स्वास्थ्य शारीरिक टेस्ट जरूर करवाने चाहिए, क्योंकि ये टेस्ट बढ़ती उम्र के साथ होने वाली गंभीर बीमारियों के प्रति महिलाओं को पहले से ही आगाह कर सकते हैं। आइए जानें वे टेस्ट कौन से हैं।

#1

थायराइड टेस्‍ट

30 की उम्र के बाद महिलाओं को थायराइड का टेस्‍ट जरूर करवाना चाहिए, क्‍योंकि इस उम्र के बाद महिलाओं में यह समस्या होना आम है। अगर किसी भी महिला को बिना वजह थकान, मसल्स पेन, भूख बढ़ने या घटने की समस्या हो रही है तो अपना थायराइड टेस्‍ट जरूर करवाएं। थायराइड की जांच के लिए टी-3, टी-4 और टीएसएच बल्ड टेस्ट प्रमुख हैं, क्योंकि इसके द्वारा थायराइड की अधिकता व कमी का पता आसानी से चल जाता है।

#2

पैप स्मीयर टेस्ट

आजकल 30 की उम्र के बाद वाली महिलाओं को यूट्रस कैंसर और सर्वाइकल कैंसर का खतरा काफी ज्‍यादा बढ़ गया है। इस वजह से बढ़ती उम्र की हर महिला को पैप स्मीयर टेस्ट जरूर करवाना चाहिए, क्योंकि टेस्ट की सहायता से इस तरह के कैंसर पता लगने पर समय रहते इलाज आपके लिए फायदेमंद हैं। 30 की उम्र के बाद महिलाओं को हर दो साल में एक बार पैप स्मीयर टेस्ट जरुर करवाना चाहिए।

जानकारी

बोन डेंसिटी टेस्ट

हड्डियों के कमजोर होने पर छोटे-मोटे झटके या चोट लगने पर इनके टूटने की संभावना बढ़ जाती है, जिसकी वजह से कई बीमारियों का खतरा भी बना रहता है। ऐसे में बोन डेंसिटी टेस्ट 30 की उम्र के बाद वाली महिलाओं को जरूर करवाना चाहिए।

#4

ब्रेस्ट कैंसर की जांच

पूरी दुनिया में महिलाओं को प्रभावित करने वाले कैंसरों में से ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम है, क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक हो जाता है। हालांकि, आमतौर पर 40 की उम्र के बाद स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए कहा जाता है, लेकिन अगर ब्रेस्ट कैंसर की आनुवांशिकता हो तो बेहतर है कि मैमोग्राफी करा ली जाए। मैमोग्राफी एक तरह का एक्स-रे परीक्षण है, जो आसानी से स्तन में गांठों का पता लगने में सहायक है।

#5

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट

शरीर की चयापचय क्रिया को संतुलित रखने के लिए कोलेस्ट्रॉल अनिवार्य घटक है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल की ज्यादा मात्रा दिल की समस्याओं का कारण भी बन जाती है, जिसके चलते दिमाग को भी क्षति पहुंचती है। विशेषज्ञों के अनुसार, 30 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को हर पांच साल में कोलेस्ट्रॉल टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। साथ ही अगर कोई महिला मधुमेह, हृदय या किडनी रोग आदि से पीड़ित है तो उसे डॉक्टर की सलाह के बाद यह टेस्ट करवाना चाहिए।