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क्या रोजाना 8 गिलास पानी पीना जरूरी है? जानें सच्चाई
पानी पीने का सही तरीका

क्या रोजाना 8 गिलास पानी पीना जरूरी है? जानें सच्चाई

लेखन अंजली
Mar 07, 2025
01:42 pm

क्या है खबर?

हम सभी ने सुना है कि रोजाना आठ गिलास पानी पीना स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। यह सलाह इतनी आम हो गई है कि लोग इसे बिना सोचे-समझे मानने लगे हैं। हालांकि, क्या वाकई में यह सच है? इस लेख में हम इस भ्रम को समझने की कोशिश करेंगे और जानेंगे कि वास्तव में हमें कितना पानी पीना चाहिए। आइए पानी पीने का सही तरीका और इसके अधिक सेवन के नुकसान बताते हैं।

#1

शरीर की जरूरत के अनुसार पानी पीएं

हर व्यक्ति की शरीर की जरूरतें अलग-अलग होती हैं इसलिए एक ही मात्रा में पानी पीने का नियम सभी पर लागू नहीं होता है। हमारे शरीर को कितनी मात्रा में पानी चाहिए, यह कई बातों पर निर्भर करता है जैसे उम्र, वजन, शारीरिक गतिविधि और मौसम। अगर आप ज्यादा पसीना बहाते हैं या गर्मी होती है तो आपको अधिक पानी की जरूरत हो सकती है। इसलिए अपने शरीर के संकेतों को सुनें और उसी अनुसार पानी पीएं।

#2

भोजन से भी मिलता है पर्याप्त पानी

पानी केवल पेय पदार्थों से ही नहीं मिलता बल्कि हमारे खाने से भी हमें पर्याप्त पानी प्राप्त हो सकता है। फल और सब्जियों जैसे खीरा, तरबूज, संतरा आदि में काफी मात्रा में पानी होता है, जो हमारी दैनिक आवश्यकता का हिस्सा बन सकता है। इसलिए केवल पेय पदार्थों पर निर्भर न रहें बल्कि अपनी डाइट पर भी ध्यान दें ताकि आपके शरीर को सही मात्रा में पानी मिल सके।

#3

अधिक पानी पीने के नुकसान

अधिक मात्रा में पानी पीने से कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन या हाइपोनेट्रेमिया, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। जब हम जरूरत से ज्यादा पानी पीते हैं तो हमारे खून का सोडियम स्तर कम हो जाता है, जिससे कमजोरी या चक्कर आने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए हमेशा संतुलित मात्रा में ही पानी पीएं ताकि आपका स्वास्थ्य ठीक रहे।

#4

प्यास लगने पर ही करें पानी सेवन

हमारा शरीर खुद हमें संकेत देता रहता है जब उसे किसी चीज की आवश्यकता होती है, जैसे भूख लगती तब खाना खाते हैं वैसे ही जब प्यास लगे तभी हमें जल सेवन करना चाहिए। बिना वजह बार-बार पानी पीते रहने से बचें क्योंकि इससे आपकी किडनियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, जिससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है। अपने शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया पर भरोसा करें और उसी अनुसार अपनी दिनचर्या बनाएं।