Page Loader
बसंत पंचमी के दिन क्यों उड़ाई जाती है पतंग? जानिए इस परंपरा से जुड़ी खास वजह

बसंत पंचमी के दिन क्यों उड़ाई जाती है पतंग? जानिए इस परंपरा से जुड़ी खास वजह

लेखन सयाली
Feb 01, 2025
03:01 pm

क्या है खबर?

बसंत पंचमी का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, जो 2 फरवरी को मनाया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था, जो ज्ञान और संगीत की देवी हैं। इस त्योहार पर मां सरस्वती की पूजा होती है और उन्हें पीले पुष्प व पकवान चढ़ाए जाते हैं। इसके अलावा, बसंत पंचमी पर पतंग उड़ाने की परंपरा भी निभाई जाती है। आइए जानते हैं कि इस दिन पतंग उड़ाने की प्रथा किसने शुरू की थी।

बसंत पंचमी

कब है बसंत पंचमी?

हर साल बसंत पंचमी माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है। इस साल यह पावन पर्व 2 फरवरी, 2025 यानि रविवार को मनाया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन देवी सरस्वती श्वेत कमल पर विराजमान होकर प्रकट हुईं थीं। जन्म के समय उन्होंने हाथों में वीणा, माला और पुस्तक धारण की थी। त्योहार 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगा और 3 फरवरी की सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर खत्म होगा।

पतंग

बसंत पंचमी पर क्यों होती है पतंगबाजी?

बसंत पंचमी के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस प्रथा के पीछे एक खास वजह है, जिसके बारे में काफी कम लोग जानते हैं। दरअसल, इस पर्व से वसंत ऋतू का आगमन होता है और चारों ओर हरियाली छाने लगती है। इसके चलते ही लोग पतंग उड़ाते हैं और अपनी खुशी को व्यक्त करने की कोशिश करते हैं। सरल शब्दों में कहें तो पतंगबाजी वसंत ऋतु की शुरुआत की खुशी का प्रतीक होती है।

शुरुआत

किसने शुरू की थी यह मजेदार प्रथा?

बसंत पंचमी के पावन पर्व पर पतंग उड़ाने की प्रथा पंजाब के लोगों ने शुरू की थी। हालांकि, अब यह परंपरा देशभर में निभाई जाने लगी है। मुख्य रूप से पंजाब और गुजरात के लोग इस दिन पतंग महोत्सव का आयोजन करते हैं। अगर, पतंग उड़ाने के इतिहास पर नजर डाली जाए, तो इस गतिविधि की शुरुआत मूल रूप से चीन में की गई थी। कोरिया और जापान के बाद यह खेल भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय हुआ था।

सावधानियां

पतंगबाजी करते समय बरतें ये सावधानियां

पतंग उड़ाते समय सावधानी बरतना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि इस दौरान दुर्घनाएं होने का खतरा रहता है। हवा की स्थिति देखते हुए खुली जगह पर ही पतंग उड़ाएं। इसके अलावा, चीनी मांझे से चोट लगने का खतरा रहता है, इसीलिए इसके बजाय सूती मांझे का इस्तेमाल करें। छत पर पतंग उड़ाते समय रेलिंग के करीब न जाएं और बिजली के तारों पर भी पतंग को न फंसने दें। अगर, पतंग कहीं अटके तो उसे जोर से न खीचें।