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कब मनाई जाएगी बसंत पंचमी? जानिए इस त्योहार का महत्त्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

कब मनाई जाएगी बसंत पंचमी? जानिए इस त्योहार का महत्त्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

लेखन सयाली
Jan 25, 2025
01:58 pm

क्या है खबर?

बसंत पंचमी हिंदू धर्म का विशेष त्योहार है, जिसे संगीत और विद्या की देवी मां सरस्वती के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस पर्व को वसंत पंचमी, श्री पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी मनाई जाती है। इस पर्व के साथ वसंत ऋतु का आगमन होता है। आइए इस त्योहार का मुहूर्त और पूजा विधि जानते हैं।

तिथि

किस दिन मनाई जाएगी बसंत पंचमी?

हर साल श्री पंचमी का पावन पर्व माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनता है। इस साल यह त्योहार 2 फरवरी, 2025 यानि रविवार को मनाया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन देवी सरस्वती श्वेत कमल पर विराजमान होकर प्रकट हुईं थीं। जन्म के समय उन्होंने अपने हाथों में वीणा, माला और पुस्तक धारण की हुई थी। इस खास दिन पर मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें पीले व्यंजनों का भोग लगाया जाता है।

महत्त्व

जानिए इस पावन पर्व का महत्त्व

बसंत शब्द का अर्थ होता है वसंत ऋतु। इस त्योहार से वसंत ऋतु का स्वागत किया जाता है और कड़ाके की ठंड से राहत पाने का जश्न मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी छात्र इस दिन माता की पूजा करते हैं, उन्हें शैक्षिक क्षेत्र में सफलता मिलती है।

मुहूर्त

क्या है बसंत पंचमी की पूजा का मुहूर्त?

माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर शुरू हो जाएगी। यह त्योहार 3 फरवरी की सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर खत्म होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 9 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के बीच है। आप बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को इन पीली मिठाइयों का भोग लगा सकते हैं।

पूजा विधि

इस तरह की जाती है मां सरस्वती की पूजा

बसंत पंचमी पर सूर्योदय से पहले नहाना चाहिए, दान करना चाहिए और पूजा स्थल को साफ करना चाहिए। एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर पीले फूलों से सजावट करें। इसपर देवी सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें और धूप-दीप भी प्रज्वलित करें। सबसे पहले श्री गणेश की स्तुति करें, फिर देवी सरस्वती को पीले रंग के वस्त्र, फूल, चंदन, केसर और पीला अक्षत अर्पित करें। विद्यार्थी अपनी किताबें मां सरस्वती के चरणों में रखें और उनकी स्तुति करें।

पीला रंग

बसंत पंचमी पर पीला रंग पहनने का महत्व

बसंत पंचमी के दिन पीला रंग पहनना शुभ माना जाता है। खिलते सरसों से जुड़ा यह रंग सूर्य, ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक होता है। मान्यताओं के अनुसार, पीला रंग मां सरस्वती का पसंदीदा है। इसी वजह से बसंत पंचमी के त्योहार पर सभी लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और माता की प्रतिमा पर पीले फूल और भोग चढ़ाते हैं। यह रंग शुभता व सकारात्मकता को दर्शाता है और इसे पहनने से ज्ञान भी बढ़ता है।