बच्चों को बसंत पंचमी का महत्व समझाने के लिए स्कूल में करवाएं ये मजेदार गतिविधियां
क्या है खबर?
बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी, जो वसंत ऋतु का स्वागत करने वाला पर्व है। मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन विद्या और संगीत की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था।
यह पर्व छात्रों के लिए विशेष होता है। इस दिन जो बच्चे माता सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी बुद्धि बढ़ती है और वे अधिक गुणवान बनते हैं।
आप छात्रों को इस त्योहार का महत्व समझाने के लिए अपने स्कूल में ये गतिविधियां आयोजित करें।
#1
सरस्वती पूजा का आयोजन करें
बसंत पंचमी के दिन आपको स्कूल में सरस्वती पूजा का आयोजन जरूर करवाना चाहिए। इससे सभी छात्रों पर मां की कृपा बरसेगी और वे इस पर्व के सार को समझ सकेंगे।
स्कूल के हॉल में मां सरस्वती की प्रतिमा रखवाएं और उनकी आरती करवाएं। इसके बाद, सभी छात्रों से कहें कि वे माता का आशीर्वाद लें और उन्हें पुष्प अर्पित करें।
इस दौरान माता के चरणों में किताबें और वाद्य यंत्र भी रख दें।
#2
पौधे लगवाएं
यह पर्व वसंत ऋतू के आने का जश्न मनाता है, जिस दौरान चारों ओर हरियाली दिखाई देती है। आप बसंत पंचमी के दिन बीज रोपण गतिविधि का आयोजन कर सकते हैं।
इसके दौरान सभी छात्र छोटे-छोटे गमलों में पौधों के बीज लगा सकते हैं। इस गतिविधि के जरिए बच्चों के मन में प्रकृति के प्रति प्रेम भावना बढ़ेगी और वे पौधे लगाने के महत्व को भी जान सकेंगे।
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को इन पीली मिठाइयों का भोग लगाएं।
#3
पतंग बनवाएं
बसंत पंचमी के दिन ही वसंत ऋतु आती है, जिसका जश्न मनाने के लिए लोग पतंग उड़ाते हैं। आप स्कूल में छात्रों के साथ मिलकर कागज की छोटी-छोटी पतंग बना सकते हैं।
सभी छात्रों को रंग-बिरंगे कागज लाने को कहें और उन्हें पतंग बनाना सिखाएं। वे अपनी-अपनी पतंग को सजाने के लिए सितारों, रिबन और पेंट आदि का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
इसके साथ ही, उन्हें पतंग उड़ाते समय सावधानी बरतने की सीख भी दें।
#4
पीले वस्त्र पहनने को कहें
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह रंग मां सरस्वती को अति प्रिय है। इस बात को ध्यान में रखते हुए आप छात्रों को पीले वस्त्र पहनने के लिए कह सकते हैं।
सभी क्लासरूम को पीले रंग के हैंड-मेड फूलों और अन्य सामान से सजाएं। साथ ही आप बच्चों को पीले बेसन के लड्डू भी बांट सकते हैं।
बसंत पंचमी पर महिलाएं ये पीले वस्त्र पहन सकती हैं।