बच्चों पर नकारात्मकता को हावी होने न दें, उनमें सकारात्मकता बढ़ाने के लिए अपनाएं ये तरीके
बच्चों में सकारात्मकता और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए रोजाना की आदतें बहुत अहम होती हैं। इनमें से एक जरूरी आदत है, दैनिक पुष्टि। यह सरल और प्रभावी तरीका बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का विकास करने में मदद कर सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे आप अपने बच्चों को रोजाना की पुष्टि के माध्यम से सकारात्मकता सीखा सकते हैं और उनके आत्म-सम्मान को बढ़ा सकते हैं।
सुबह की शुरुआत सकारात्मक वाक्य से करें
सुबह का समय दिनभर की ऊर्जा और मूड सेट करने का सबसे अच्छा समय होता है। जब बच्चे उठते हैं तो उन्हें कुछ सकारात्मक वाक्य कहने के लिए प्रेरित करें, जैसे "मैं आज खुश हूं", "मैं सब कुछ कर सकता हूं" या "मुझे खुद पर विश्वास है"। यह न केवल उनके दिन की अच्छी शुरुआत करेगा बल्कि उन्हें आत्मविश्वास भी देगा और पूरे दिन के लिए सकारात्मक सोच बनाए रखेगा।
आईने के सामने खड़े होकर पुष्टि दें
आईने के सामने खड़े होकर खुद को देखना और सकारात्मक बातें कहना बच्चों को आत्म-स्वीकृति सिखाता है। उन्हें बताएं कि वे आईने में देखकर कहें, "मैं सुंदर हूं", "मैं बुद्धिमान हूं" या "मुझे खुद पर गर्व है"। यह अभ्यास उनके आत्म-सम्मान को बढ़ावा देता है और उन्हें अपनी खूबियों को पहचानने में मदद करता है। इसके अलावा यह उन्हें आत्म-विश्वास से भरपूर बनाता है और वे अपने आप को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं।
सोने से पहले धन्यवाद देना सिखाएं
रात को सोने से पहले बच्चों को दिनभर की अच्छी बातों के लिए धन्यवाद देना सिखाएं। इससे वे अपने जीवन में छोटी-छोटी खुशियों का अहमियत समझेंगे और हमेशा आभारी रहेंगे। उदाहरण के तौर पर वे कह सकते हैं, "आज मैंने नई चीज सीखी", "मुझे दोस्तों के साथ खेलने का मौका मिला" या "मुझे मम्मी-पापा का प्यार मिला"। इससे बच्चों में सकारात्मक सोच विकसित होती है और वे जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को सराहने लगते हैं।
खेल-खेल में समझना
बच्चों को खेल-खेल में भी सकारात्मक बातें कहना सिखाएं, जैसे कि जब वे कोई खेल जीतते हैं या हारते हैं तो उनसे कहें कि वे खुद से कहें, "मैं मेहनत कर रहा हूं", "अगली बार मैं बेहतर करूंगा" या "मेरे पास अच्छे दोस्त हैं जो मेरा साथ देते हैं" आदि। इससे उनका मनोबल ऊंचा रहेगा और वे हर स्थिति में सकारात्मक रहेंगे। इस तरह की आदतें उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाती हैं और आत्मविश्वास बढ़ाती हैं।
परिवारिक गतिविधियों में शामिल करें
परिवारिक गतिविधियों जैसे खाना बनाना, सफाई करना या बागवानी करते समय भी बच्चों को प्रोत्साहित करें कि वे अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें और अपने कामों की सराहना करें। उदाहरण के लिए जब बच्चा खाना बना रहा हो तो उसे कहें कि वह बोले, "मैं अच्छा खाना बना सकता हूं" या "मेरे हाथों का स्वाद सबको पसंद आएगा"। इन सरल तरीकों से आप अपने बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं।