अपने बालों को लंबा करना चाहती हैं, तो रोज़ाना करें ये पाँच योगासन
हर कोई लंबे, चमकदार और मज़बूत बालों चाहता है, लेकिन आजकल काम के बढ़ते दबाव, नींद से समझौता और अस्वस्थ आहार की वजह से स्वस्थ बाल पान मुश्किल हो गया है। हालाँकि, आप यह जान लें कि योग करने से सिर में रक्त संचार तेज़ी से होता है और ज़हरीले पदार्थ निकलते हैं और तनाव में कमी होती है, जिससे बालों की रक्षा होती है। यहाँ बालों के विकास के लिए पाँच योगासन के बारे में बताया गया है।
अधो मुख स्वाँसन या डाउनवर्ड डॉग पोज
इससे सिर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है, इस तरह से बालों के विकास में सुधार होता है। इसे करने के लिए टेबलटॉप स्थिति के साथ शुरू करें, फिर अपने कुल्हों को इस तरह से उठाएँ कि आपका शरीर फ़र्श के विपरीत उल्टा 'V' स्थिति बना ले। अब अपने सिर और गर्दन को आराम दें और अपनी जाँघों को पीछे की तरफ़ खींचे। पाँच से सात बात साँस लें और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएँ और दोबारा करें।
पवनमुक्तसान या विंड रीलिविंग पोज
इस आसन को करने के लिए फ़र्श या चटाई पर ऊपर की तरफ़ मुँह करके लेट जाएँ। फिर अपने हाथ से पकड़कर एक पैर को अपनी छाती की तरफ़ ले जाएँ। ऐसा करते समय हवा को पूरी तरह बाहर निकाल दें। बिना साँस लिए कुछ देर के लिए उसी स्थिति में बने रहें और आराम करें, अब अपने पैर को प्रारंभिक अवस्था में ले जाएँ और फिर से साँस लें। यही प्रक्रिया अपने दूसरे पैर के साथ भी दोहराएँ।
सर्वांगासन या शोल्डर स्टैंड पोज
इस आसन को करने से आपके सिर में रक्त संचार तेज़ी से होता है, जो बालों को झड़ने से रोकता है और बालों का विकास होता है। इसे करने के लिए अपनी पीठ के बल लेट जाएँ। आपके दोनों पैर एक साथ चिपके होने चाहिए। अब अपने पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाते हुए अपने शरीर से 90 डिग्री का कोण बनाएँ। आप अपनी कोहनी को चटाई पर झुकाकर अपनी पीठ को अपनी हथेली से सहारा भी दे सकती हैं।
उस्त्रासन या कैमल पोज
इस आसन को करने के लिए अपने घुटनों पर बैठें ताकि आपका शरीर सीधा रहे, जबकि आपके घुटने एक समकोण बनाते हों। अब अपनी रीढ़ को पीछे की तरफ़ झुकाएँ और अपने हाथों का उपयोग करके अपने पैरों की एड़ी को छुएँ। इसके बाद अपनी रीढ़ को पीछे की तरफ़ ले जाएँ और अपने पैरों की एड़ी को अपने हाथों से छुएँ। कुछ समय के लिए इसी अवस्था में रहें फिर पुनः सामान्य अवस्था में आ जाएँ।
वज्रासन या डायमंड पोज
इस आसन को करने के लिए अपने घुटनों को मोड़ें और अपने नितम्बों पर बैठ जाएँ। जितना हो सके अपने पैरों को पास रखें और अपनी गर्दन एवं रीढ़ को भी सीधा रखें। अब अपनी हथेलियों को नीचे रखें और 2-10 मिनट ऐसे ही रहें।