अगर आपको भी पसंद है गर्मा-गर्म चाय-कॉफ़ी, तो पहले जान लें इससे होने वाले नुकसान
बारिश के मौसम में रिमझिम बारिश के बीच गर्मा-गर्म चाय-कॉफ़ी पीना हर कोई पसंद करता है, लेकिन आपको बता दें कि यह सेहत के लिए बहुत नुक़सानदायक होता है। हाल ही में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर की तरफ़ से किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि ज़्यादा गर्म चाय-कॉफ़ी पीने से एसोफ़ैगल कैंसर यानी खाने की नली का कैंसर हो सकता है। इसके अलावा कई और समस्याओं का भी सामना करना पड़त है। आइए जानें।
एसोफ़ैगल कैंसर क्या है?
गले का कैंसर या एसोफ़ैगल कैंसर तब होता है, जब आहार नली में असामान्य कोशिकाएँ अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं। अन्नप्रणाली को खाने की नली भी कहा जाता है, जब यह ट्यूब मुँह से खाने को पेट में पहुँचाती है। इस कैंसर का पता उस समय लगता है, जब अधिकतर लोग 60 साल के क़रीब पहुँच जाते हैं। एसोफ़ैगल कैंसर भारत में होने वाले कैंसर में छठवाँ और विश्व में आठवाँ सबसे ज़्यादा कैंसर है।
पेट की समस्या और ख़ून की कमी
गर्म चाय-कॉफ़ी पीने से लोगों को कई तरह की पेट संबंधी बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। जिसमें दर्द, कब्ज, अपच, जी मचलाना या उल्टी, रक्त के साथ गहरे रंग का मल या अल्सर की समस्या है। ज़्यादा गर्म चाय-कॉफ़ी पीना ख़ून के लिए नुक़सानदायक हो सकता है। इससे शरीर में एनीमिया हो सकता है। इससे लगातार वजन कम होने की समस्या, खाना निगलने में कठिनाई, हार्ट बर्न, खाँसी और गले का बैठना जैसी समस्या हो सकती है।
मेटाबॉलिज़्म का कम होना
गर्म चाय-कॉफ़ी शरीर में मेटाबॉलिज़्म को कम कर भूख को मार देता है। यह भोजन नली को ख़राब कर देता है, जिससे व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे नली के अंदर घाव/छाले भी हो सकते हैं।
गुप्तांगों और दाँतों की समस्या
गर्म चाय-कॉफ़ी पीने से शरीर में गुप्तांगों की समस्या उत्पन्न हो जाती है, जिससे हमारे शरीर के गुप्तांग कमज़ोर हो जाते हैं। इसलिए ज़्यादा चाय-कॉफ़ी पीने वालों की सेक्स करने की क्षमता कमज़ोर हो जाती है। मोतियों जैसे चमकते दाँत सबको पसंद हैं, लेकिन ज़्यादा गर्म चाय-कॉफ़ी पीने से दाँतों की समस्या का सामना करना पड़ता है। इससे दाँतो में पीलापन आ जाता है और दाँत कमज़ोर भी हो जाते हैं।