शिशु को डायपर रैशेज से राहत दिलाने के लिए अपनाएं ये घरेलू नुस्खे
आजकल माता-पिता अपने शिशु को डायपर पहनाते हैं, लेकिन इससे शिशु को रैशेज होने की संभावना रहती है। ज्यादातर मामलों में रैशेज की मुख्य वजह डायपर का गीलापन, टाइट डायपर या डायपर की गुणवत्ता का अच्छा न होना होता है। अगर आपके शिशु को किसी कारणवश डायपर रैशेज हो गए हैं तो किसी मेडिकल ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करने की बजाय आप कुछ घरेलू नुस्खे अपना सकते हैं। चलिए ऐसे ही कुछ नुस्खों के बारे में जानते हैं।
नारियल के तेल का करें इस्तेमाल
नारियल का तेल एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से समृद्ध होता है जो शिशु को होने वाले डायपर रैशेज के प्रभाव को कम करने में काफी मदद कर सकते हैं। शिशु को राहत दिलाने के लिए सबसे पहले डायपर रैशेज वाली जगह को गुनगुने पानी से साफ करके उसे मुलायम तौलिये से हल्के-हल्के हाथों से पोंछ दें। इसके बाद रैशेज से प्रभावित त्वचा पर नारियल के तेल से धीरे-धीरे मसाज करें। ऐसा दिन में दो बार करें।
एलोवेरा जेल से मिलेगी राहत
एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी के साथ-साथ एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव भी मौजूद होता है। ये दोनों प्रभाव डायपर रैशेज की वजह से होने वाली जलन और सूजन को कम कर शिशु की त्वचा को ठंडक प्रदान कर सकते हैं। राहत के लिए शिशु की डायपर रैशेज से प्रभावित जगह पर हल्के हाथों से ताजा एलोवेरा जेल लगाएं। हालांकि एलोवेरा जेल को शिशु की त्वचा पर लगाने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर पूछें।
शिशु को कराएं ओटमील स्नान
ओटमील में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटी गुण डायपर रैशेज की वजह से होने वाली जलन और सूजन को दूर कर त्वचा को मॉइस्चराइज कर सकता है। राहत के लिए सबसे पहले एक चम्मच सूखे ओटमील को शिशु के नहाने के पानी में मिला दें और फिर शिशु को इस पानी में 5-10 मिनट के लिए बैठाएं। अंत में शिशु को पानी से बाहर निकालकर अच्छी तरह से मुलायम तौलिये से पोंछ लें।
इन तरीकों से शिशु को डायपर रैशेज से बचाएं
जब शिशु को डायपर गीला हो जाए तो इसे तुरंत बदल दें। शिशु की त्वचा काफी संवेदनशील होती है, इसलिए उनके नितंबों को साफ करने के लिए ऐसे वाइप्स का इस्तेमाल न करें जो अल्कोहल या फिर आर्टिफिशियल महक युक्त हों। शिशु को ज्यादा टाइट डायपर न पहनाएं। बेहतर होगा कि आप शिशु को रोजाना कुछ समय के लिए डायपर न पहनाएं ताकि उसके डायपर वाले हिस्से को प्राकृतिक हवा मिल सके।