चलने से पहले वार्मअप और बाद में कूल डाउन करना है जरूरी, जानें इसके फायदे
क्या है खबर?
चलना एक सरल और असरदार एक्सरसाइज है, लेकिन इसे सही तरीके से करने के लिए तैयारी जरूरी है।
चलने से पहले वार्मअप करना और बाद में कूलडाउन होना जरूरी है। यह चोटों से बचाता है और आपकी एक्सरसाइज के अनुभव को बेहतर बना सकता है।
इस लेख में जानेंगे कि कैसे सही तरीके से वार्मअप और कूल डाउन किया जा सकता है और इसके फायदे क्या हैं।
वार्मअप
वार्मअप कैसे करें?
चलने से पहले शरीर को धीरे-धीरे गर्म करने के लिए हल्के स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करना फायदेमंद होता है।
इससे मांसपेशियों में लचीलापन आता है और रक्त संचार बढ़ता है, जिससे शरीर की ऊर्जा का स्तर भी बढ़ता है।
आप जॉगिंग या हल्की दौड़ भी कर सकते हैं ताकि दिल की धड़कन तेज हो जाए और शरीर चलने के लिए तैयार हो सके।
यह प्रक्रिया चोट लगने की संभावना कम करती है और आपके चलने के अनुभव को सुरक्षित बनाती है।
फायदे
वार्मअप के फायदे
वार्मअप करने से आपकी मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं, जिससे वे अधिक लचीली और मजबूत बनती हैं।
यह प्रक्रिया आपके शरीर को चलने के लिए तैयार करती है, जिससे आप बिना थके लंबे समय तक चल सकते हैं।
इसके अलावा यह आपके जोड़ों पर दबाव कम करता है और चोट लगने का खतरा घटाता है।
जब आप वार्म-अप करते हैं, तो रक्त संचार बढ़ता है, जिससे ऊर्जा का स्तर भी बढ़ता है।
कूल डाउन
कूल डाउन कैसे करें?
चलने के बाद शरीर को ठंडा करने के लिए धीरे-धीरे चलना या हल्की स्ट्रेचिंग करना फायदेमंद होता है।
इससे हृदय गति धीरे-धीरे सामान्य हो जाती है, जिससे चक्कर आने जैसी समस्याएं नहीं होती है।
मांसपेशियों में जमा लैक्टिक एसिड भी निकल जाता है, जिससे दर्द और थकान कम होती है।
यह प्रक्रिया शरीर को आरामदायक स्थिति में लाने में मदद करती है और ताजगी का अनुभव कराती है।
लाभ
कूलडाउन करने से जुड़े लाभ
कूल-डाउन करने से हृदय गति धीरे-धीरे सामान्य होती है, जिससे चक्कर आने या बेहोशी जैसी समस्याएं नहीं होती है।
यह प्रक्रिया मांसपेशियों की थकान को दूर करती है और शरीर को आराम देती है।
चलने के बाद हल्की स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों में जमा लैक्टिक एसिड निकल जाता है, जिससे दर्द और थकान कम होती है।
इससे शरीर को आरामदायक स्थिति में लाने में मदद मिलती है और आप तरोताजा महसूस करते हैं।