
घरेलू प्लास्टिक के कारण दुनियाभर में हृदय रोग से होती है हजारों लोगों की मृत्यु- अध्ययन
क्या है खबर?
घरों में किसी न किसी तरह से प्लास्टिक इस्तेमाल होता ही है, लेकिन ये स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
एक नए अध्ययन से पता चला है कि फूड कंटेनर, शैंपू, मेकअप, परफ्यूम और बच्चों के खिलौनों जैसे उपभोक्ता उत्पादों में पाए जाने वाले फथलेट्स नामक सिंथेटिक रसायनों ने साल 2018 में 55-64 वर्ष की आयु के पुरुषों और महिलाओं में हृदय रोग से होने वाली वैश्विक मृत्यु दर में 10 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया हो सकता है।
अध्ययन
फथलेट्स से हो सकती हैं कई गंभीर बीमारियां
ईबायोमेडिसिन जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक डॉक्टर लियोनर्डो ट्रासांडे ने कहा, "फथलेट्स हृदय की कोरोनरी धमनियों में सूजन बढ़ाता है, जो पहले की बीमारियों को बढ़ा सकता और गंभीर बीमारियों समेत मृत्यु का कारण भी बन सकता है।"
उन्होंने बताया कि इससे पहले भी कई अध्ययनों में फथलेट्स को प्रजनन संबंधी समस्याओं से जोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त अस्थमा, मोटापा और कैंसर से भी जोड़ा गया है।
वस्तुएं
किन-किन चीजों में शामिल होता है फथलेट्स?
अध्ययन में बताया गया कि खाद्य पैकेजिंग, डिटर्जेंट, कपड़े, फर्नीचर और ऑटोमोटिव प्लास्टिक में फथलेट्स शामिल होता है। इनके अलावा शैंपू, साबुन, हेयरस्प्रे और कई सौंदर्य प्रसाधनों में भी फथलेट्स मिलाया जाता है।
अमेरिकन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, लोग फथलेट्स के संपर्क में तब आते हैं, जब वे किसी भी तरह से प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं।
इस अध्ययन के लिए 200 देशों और क्षेत्रों में वैश्विक मौतों पर फथलेट्स के प्रभाव की जांच की गई।
आंकड़े
कई मौतों का जिम्मेदार निकला फथलेट्स रसायन
अध्ययन के शोधकर्ताओं ने कई जनसंख्या सर्वे से स्वास्थ्य और पर्यावरण डेटा का विश्लेषण किया, जिसमें फथलेट्स को हृदय रोग का कारण माना गया।
इस विश्लेषण में पाया गया कि साल 2018 में वैश्विक स्तर पर 55 से 64 वर्ष की आयु के पुरुषों और महिलाओं में फथलेट्स के संपर्क में आने से 3,68,764 मौतें हुईं।
अध्ययन के अनुसार, फथलेट्स से जुड़ी हृदय रोग से होने वाली मौतों में से 30 प्रतिशत अफ्रीका में हुई, बाकि अन्य देशों में।
निष्कर्ष
प्लास्टिक का इस्तेमाल करें बंद- शोधकर्ता
शोधकर्ताओं ने अध्ययन का निष्कर्ष निकाला कि फथलेट्स मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा खतरा है, जिससे बचकर रहना बहुत जरूरी है।
शोधकर्ताओं ने सलाह दी कि डिब्बाबंद के बजाय ताजे फल और सब्जियां खरीदें, बिना सुगंध वाले सफाई उत्पादों का इस्तेमाल करें, खाद्य पदार्थों को संग्रहीत करने के लिए प्लास्टिक की जगह किसी कांच या स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का उपयोग करें। इसके अतिरिक्त हाथों को बार-बार साफ करें।