
यूरोप में भीषण गर्मी के कारण मरने वालों की संख्या तीन गुना बढ़ी- अध्ययन
क्या है खबर?
भीषण गर्मी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है और यहां तक की इससे जान भी जा सकती है। हाल ही में सामने आए एक अध्ययन से पता चला है कि जून के अंत के दौरान यूरोप में आई गर्मी की लहर से मरने वालों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट है। आइए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मौतें
12 प्रमुख शहरों में लगभग 2300 लोगों की हुईं मौतें
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 23 जून से लेकर 2 जुलाई के बीच यूरोप में तापमान बढ़ोतरी के कारण 12 प्रमुख शहरों में लगभग 2300 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने 1500 मौतों का कारण जलवायु परिवर्तन को बताया है, जिससे पृथ्वी पर गर्मी बढ़ी है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इटली का शहर मिलान भीषण गर्मी से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां 499 में से 317 मौतें जलवायु परिवर्तन के कारण हुई। इसके बाद पेरिस और बार्सिलोना का स्थान रहा।
बयान
गर्मी की लहर है जानलेवा- मैल्कम मिस्त्री
वैज्ञानिक ने आगे बताया कि लंदन में 273 मौतें हुईं, जिनमें से 171 के लिए जलवायु परिवर्तन जिम्मेदार है। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के महामारी विज्ञानी और अध्ययन के सह-लेखक मैल्कम मिस्त्री ने कहा, "यह अध्ययन दर्शाता है कि गर्मी की लहर लोगों के लिए जानलेवा है।" अध्ययन में पाया गया कि वृद्ध लोगों की मृत्यु दर सबसे अधिक थी, जहां 65 वर्ष से अधिक आयु के 88 प्रतिशत लोग जलवायु परिवर्तन के कारण मारे गए।
बयान
अदृश्य संकट है गर्मी की लहर- बेन क्लार्क
इंपीपियल कॉलेज ऑफ लंदन के जलवायु वैज्ञानिक और अध्ययन के सह-लेखक बेन क्लार्क ने कहा, "गर्मी की लहर तूफान जैसी विनाशकारी घटनाएं नहीं उत्पन्न करती। इनके प्रभाव ज्यादातर अदृश्य होते हैं, लेकिन बहुत ही विनाशकारी होते हैं।" क्लार्क ने आगे कहा कि तापमान में महज 2 या 3 डिग्री सेल्सियस का बदलाव हजारों लोगों के लिए जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर ला सकता है।
अध्ययन
महमारी विज्ञान मॉडल के इस्तेमाल से किया गया अध्ययन
इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने 10 दिनों तक पेरिस, लंदन, मैड्रिड और रोम जैसे शहरों में गर्मी संबंधित मृत्यु दर क अनुमान लगाने के लिए महमारी विज्ञान मॉडल का इस्तेमाल किया। मॉडल के लिए इस्तेमाल किए गए तापमान और मृत्यु के बीच संबंध साल 2019 तक के स्थानीय मृत्यु दर के आंकड़ों के लिए गए थे इसलिए यह अच्छे से नहीं बता सकता कि प्रत्येक शहर के लोगों ने समय के साथ गर्मी के साथ कैसे तालमेल बिठाया है।