
बच्चे का खराब मानसिक स्वास्थ्य उसके आने वाले जीवन को करता है प्रभावित, अध्ययन में खुलासा
क्या है खबर?
एक नए अध्ययन से सामने आया है कि अगर कम उम्र में किसी बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य खराब रहता है तो इसके कारण उसका बाद का जीवन प्रभावित हो सकता है और उसके काम करने की क्षमता कम हो सकती है।
एक थिंकटैंक संगठन के अध्ययन के मुताबिक, ग्रेट ब्रिटेन में गंभीर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों वाले बच्चों में वयस्कता में काम करने की क्षमता सीमित होने की संभावना दो-तिहाई अधिक होती है।
आइए इस अध्ययन के बारे में जानते हैं।
अध्ययन
लगभग 6,000 प्रतिभागियों के डेटा के आधार पर किया गया अध्ययन
अध्ययन के लिए इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक पॉलिसी रिसर्च (IPPR) के शोधकर्ताओं की रिपोर्ट में 1970 के ब्रिटिश कोहोर्ट अध्ययन के लगभग 6,000 प्रतिभागियों के डेटा को देखा गया, जो ग्रेट ब्रिटेन में 1970 में एक ही सप्ताह में पैदा हुए व्यक्तियों के जीवन का अनुसरण कर रहा है।
विश्लेषण में पाया गया कि जिन लोगों को बचपन में मानसिक और व्यवहार संबंधी समस्याएं थीं, उन्हें 51 वर्ष की आयु में कई समस्याएं थीं, जो उनके काम को प्रभावित करती हैं।
सिफारिश
IPPR ने सरकार से की बच्चों की देखभाल में भूमिका निभाने की सिफारिश
विश्लेषण के अनुसार, बचपन में जिन लोगों को शारीरिक स्वास्थ्य समस्या थीं, उनमें बाद के जीवन में काम करने की क्षमता सीमित होने की संभावना 38 प्रतिशत से अधिक पाई गई।
IPPR ने यूनाइटेड किंगडम (UK) की सरकार को बच्चों पर खर्च की सुरक्षा और NHS और अन्य सार्वजनिक सेवाओं में निवारक खर्च और बच्चों की देखभाल में भूमिका निभाने की सिफारिश की ताकि बच्चों की बीमारियों का समय से और सही ढंग से इलाज हो सके।
सलाह
देश के लिए बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान देना है जरूरी- एमी गैंडन
थिंकटैंक में एसोसिएट फेलो और बच्चों के स्वास्थ्य पर एक पूर्व वरिष्ठ सरकारी अधिकारी एमी गैंडन ने कहा, "एक के बाद एक सरकारें खराब बाल स्वास्थ्य के दीर्घकालिक परिणामों का सामना करने में विफल रही हैं। अगर सरकार अपने देश को अच्छा बनाने के बारे में गंभीर है तो उसे हमारे बच्चों और युवाओं की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए निर्णायक रूप से कार्य करना चाहिए।"
बयान
मानसिक स्वास्थ्य संकट से निपटना है जरूरी- सामाजिक देखभाल विभाग
IPPR में एक वरिष्ठ अधिकारी डॉक्टर जेमी ओ'हॉलोरन ने कहा, "जितनी जल्दी हम बच्चों के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करेंगे, उतनी ही अधिक संभावना है कि हम बाद में जीवन में महंगी स्वास्थ्य स्थितियों को रोक सकते हैं।"
स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि यह अध्ययन दर्शाता है कि रोकथाम इलाज से बेहतर है। इसलिए हम मानसिक स्वास्थ्य संकट से निपटेंगे और हर बच्चे को जीवन की स्वस्थ शुरूआत देंगे।