ऑस्टियोपोरोसिस रोगियों के लिए सुरक्षित हैं ये एक्सरसाइज, जानिए अभ्यास का तरीका
ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ा एक रोग है जिससे ग्रस्त व्यक्ति की हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि एक सामान्य छींक आने से कूल्हे, रीढ़ और कलाई में फ्रैक्चर हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि शारीरिक सक्रियता के लिए सही एक्सरसाइज का चयन किया जाए। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी एक्सरसाइज के बारे में बताते हैं, जो हड्डियों पर दबाव डाले बिना स्वस्थ रखने में मदद कर सकती हैं।
सीटेड बाइसेप्स कर्ल विद डंबल्स
सबसे पहले प्रत्येक हाथ में अपनी क्षमतानुसार डंबल पकड़े। अब अपने पैरों को फैलाकर एक कुर्सी पर बैठें। इस दौरान कोहनियां शरीर से सटी होने के साथ हाथ नीचे और हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए। इसके बाद सांस को छोड़ते हुए अपनी कोहनियों को मोड़े और हाथों को कंधे के स्तर तक उठाएं। अब सांस को लेते हुए हाथों को नीच करें। इस तकनीक को 8 से 10 बार दोहराएं।
चेयर काफ रेज
इसके लिए पहले एक कुर्सी के पीछे खड़े हो जाएं और हाथों को बैकरेस्ट पर रखें। अब कंधों को पीछे की ओर झुकाएं और आगे देखें। यह शुरुआती स्थिति है। इसके बाद एड़ियों को जमीन से ऊपर उठाएं। 5-8 सेकेंड के लिए रुकें और सांस छोड़ते हुए अपनी एड़ियों को जमीन पर रखें। ऐसा 15 बार करें। इस तरह से आपकी हड्डियों पर दबाव नहीं पड़ेगा और एक्सरसाइज भी हो जाएगी।
चेयर स्क्वाट
सबसे पहले एक कुर्सी के सामने अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई से अधिक चौड़ा करके खड़े हो जाएं। अब घुटनों को मोड़ें और शरीर को नीचे करें। कुर्सी पर बैठे और प्रारंभिक स्थिति में वापस खड़े हो जाएं। ऐसा 10 बार करें और धीरे-धीरे रेप्स बढ़ाएं। हालांकि, अगर आपको घुटने का गठिया, पीठ के निचले हिस्से में दर्द या घुटने में चोट है तो इस एक्सरसाइज को करने से बचें।
वॉल पुश-अप्स
इसके लिए एक दीवार के सामने 2 फुट की दूरी पर खड़े हो जाएं। अब दोनों हाथों को दीवार पर कंधों की चौड़ाई बराबर दूरी पर रखें और उंगलियों की दिशा ऊपर की ओर होनी चाहिए। इसके बाद आप दीवार के सहारे पुश-अप्स करें और फिर कुछ सेकेंड के बाद आप अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। इस प्रक्रिया को बार-बार दोहराएं।
रेजिस्टेंस बैंड लेग लिफ्ट्स
इसके लिए पहले जमीन पर पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठें। अब पैरों के चारों ओर हैंडल वाला ट्यूब रेजिस्टेंस बैंड लपेटें और हाथों से हैंडल को पकड़ें। इसके बाद पीछे की ओर झुकें और अपने दोनों पैरों को थोड़ा सा घुटने से मोड़ते हुए फर्श से ऊपर उठाएं। जब आपके पैर नीचे जाएं तो पीछे की ओर झुकें और जैसे ही आप अपने पैरों को ऊपर उठाएं तो शरीर के ऊपरी हिस्से को भी उठाएं।