प्रदूषण से सुरक्षित रहने के लिए अपनाएं ये 5 आयुर्वेदिक डिटॉक्स उपचार
प्रदूषण हमारे आसपास के वातावरण को इतना दूषित कर चुका है कि यह हमारे खान-पान की चीजों से लेकर हमारे शरीर पर अच्छे से कब्जा जमा चुका है। यही कारण है कि श्वसन संबंधी समस्याएं, किडनी फेलियर और कमजोर प्रतिरक्षा आदि के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि, भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में कई ऐसे डिटॉक्स उपचार हैं, जो हमारे शरीर को प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव से कुछ हद तक बचाने में मदद कर सकते हैं।
गर्म पानी में नींबू का रस और शहद या हल्दी मिलाएं
क्या आप सुबह उठते ही चाय या कॉफी पीते हैं? अगर हां तो इन कैफीन युक्त पेय से अपने दिन की शुरूआत करने से अच्छा है कि आप गर्म पानी में नींबू का रस, शहद या हल्दी मिलाकर पीएं। यह पेय कई आवश्यक विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स समेत कई पोषक गुणों से भरपूर होता है और इसका सेवन शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने समेत मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
गिलोय का जूस बनाकर पीएं
गिलोय में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स लिवर और किडनियों को डिटॉक्स करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा इसके सेवन से शरीर के पित्त दोष को संतुलित करने में मदद मिल सकती है। साथ ही यह शरीर में लैक्टिक एसिड का उत्पादन बढ़ाकर पाचन शक्ति को बेहतर करने का काम करता है और आंत को संक्रमण से बचाता है। लाभ के लिए रोजाना सुबह घर में बनाया गया ही गिलोय का जूस पीएं।
अश्वगंधा की चाय से भी होगा फायदा
अश्वगंधा भी पोषक तत्वों से युक्त जड़ी-बूटी है, जिसका सेवन भी शरीर को डिटॉक्स करने में प्रभावी माना जाता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा की समस्याओं को पैदा करने वाले कीटाणुओं को हटाते हैं और त्वचा से अतिरिक्त तेल को दूर करने में भी मदद करते हैं। इसके साथ ये त्वचा के pH स्तर को संतुलित रखते हैं, जिससे त्वचा पर निखार आता है। लाभ के लिए बिना दूध वाली अश्वगंधा की चाय पीएं।
नीम का भी करें सेवन
नीम में भी शरीर को डिटॉक्स करने की क्षमता होती है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण विषाक्त पदार्थों से लड़ने और खून को शुद्ध करने में मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त नीम के मेथनॉल-अर्क में मौजूद पॉलीफेनोल में एंटी-हाइपरटेंसिव गुण होते हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक हैं। लाभ के लिए नीम की पत्तियों को पीसकर इसके जूस की कुछ बूंदों को गुनगुने पानी में मिलाकर पीएं।
ऑयल पुलिंग को अपनाएं
ऑयल पुलिंग मुंह को डिटॉक्स करने में मदद कर सकता है। इसकी मदद से मुंह को टार्टर और प्लाक जैसी कई परेशानियों से सुरक्षित रखा जा सकता है। लाभ के लिए शुद्ध नारियल, तिल या जैतून का तेल मुंह में डालें और 15-20 मिनट के लिए इसे अपने मुंह में चारों ओर घुमाएं। ध्यान रखें कि इसे निगलना नहीं है। इसके बाद तेल को थूक दें। यहां जानिए ऑयल पुलिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।