
लाल पांडा के बारे में जानिए ये 5 रोचक तथ्य, जो आपको कर देंगे हैरान
क्या है खबर?
लाल पांडा एक बहुत ही प्यारा और अनोखा जानवर है, जिसे 'फायर फॉक्स' भी कहा जाता है। यह मुख्य रूप से हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है।
लाल पांडा का रंग गहरा लाल होता है और इसकी त्वचा मुलायम होती है। इसके पंजे बड़े और गोल होते हैं, जो इसे पेड़ों पर चढ़ने में मदद करते हैं।
लाल पांडा का आकार छोटा होता है और यह लगभग एक बड़े बिल्ली के समान दिखता है।
#1
लाल पांडा शाकाहारी नहीं होता है
कई लोग मानते हैं कि लाल पांडा शाकाहारी होता है, लेकिन यह पूरी तरह से सही नहीं है।
लाल पांडा मुख्य रूप से बांस खाता है, लेकिन वह अन्य छोटे जानवर, पक्षी और उनके अंडे भी खाता है। इसलिए इसे शाकाहारी कहना सही नहीं होगा।
इसके अलावा लाल पांडा अपने खाने में फल, पत्तियां और फूल भी शामिल करता है, जिससे उसकी खाने की आदतों में विविधता आती है।
#2
लाल पांडा का आकार और वजन
लाल पांडा का आकार लगभग एक बड़े बिल्ली के समान होता है और इसका वजन लगभग 3 से 6.2 किलोग्राम तक होता है।
इनका आकार और वजन इन्हें पेड़ों पर चढ़ने और कूदने में मदद करता है। लाल पांडा का शरीर मोटा और गोल होता है, जिससे यह ठंडे मौसम में भी गर्म रहता है।
इसके मोटे और मुलायम फर की वजह से यह ठंड से बच सकता है और पेड़ों पर आसानी से चढ़ सकता है।
#3
लाल पांडा की गंध
लाल पांडा अपनी गंध से अपने क्षेत्र को चिन्हित करता है। यह गंध उसके पंजों में मौजूद ग्रंथियों द्वारा उत्पन्न होती है।
जब लाल पांडा अपने पंजों को पेड़ों पर रगड़ता है तो यह ग्रंथियां खुल जाती हैं और गंध फैलती है। यह गंध बहुत ही खास होती है और अन्य जानवर इसे पहचान सकते हैं।
इसके अलावा लाल पांडा अपनी गंध से साथी पांडा को भी आकर्षित करता है, जिससे वे एक-दूसरे को आसानी से पहचान सकते हैं।
#4
लाल पांडा की सुनने की क्षमता
लाल पांडा की सुनने की क्षमता बहुत ही तेज होती है। यह जानवर अपनी आवाज से ही एक-दूसरे को पहचान सकते हैं।
लाल पांडा अलग-अलग प्रकार की आवाजें निकालता है, जिनसे उसकी भावनाएं जाहिर होती हैं। ये आवाजें बहुत ही अनोखी होती हैं और इन्हें सुनकर कोई भी आसानी से समझ सकता है कि लाल पांडा कैसा महसूस कर रहा है।
इसके अलावा लाल पांडा अपनी आवाज से अपने साथी और बच्चों को भी आकर्षित करता है।
#5
लाल पांडा की नींद
लाल पांडा बहुत ही आलसी जानवर होते हैं। ये लगभग 12 घंटे सोते हैं और बाकी समय बांस खाते हैं या खेलते हैं।
लाल पांडा को दिन में कई बार सोना पड़ता है ताकि वह अपनी ऊर्जा को फिर से प्राप्त कर सके।
इसके अलावा लाल पांडा रात में भी सोता है और कभी-कभी खेलता भी है। इस वजह से लाल पांडा को आलसी जानवर माना जाता है।